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भारत में कोरोना वायरस स्टेज 2 पर, अगले कुछ घंटे भारत के लिए बेहद अहम

कोरोना वायरस ने 185 देशों के साथ भारत में भी कहर मचा रखा है। देश में इस जानलेवा वायरस से संक्रमित 428 लोगों की पुष्टि हो चुकी है। भारत में अब तक कोरोना से 7 लोगों के मरने की पुष्टि की जा चुकी है। कोरोना के प्रकोप को रोकने के लिए भारत सरकार और राज्य सरकार सख्त से सख्त कदम उठा रही है।

सरकार के हिसाब से इस समय लोगों से दूर रहकर ही इस वायरस से बचा जा सकता है। एक रिसर्च के मुताबिक भारत में कोरोना वायरस अभी स्टेज 2 पर है।

कम्यूनिटी ट्रांसमिशन

देश में कोरोना वायरस अभी स्टेज 2 पर है। यानी अभी यह स्थानीय स्तर पर लोगों को संक्रमित कर रहा है। लेकिन यह स्टेज तीन यानी सामुदायिक संक्रमण पर पहुंच गया तो दिक्क्त हो जाएगी। इसलिए अगले कुछ घंटे बेहद महत्वपूर्ण हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के वैज्ञानिक यह पता लगाने में लगे हुए हैं।

कम्यूनिटी ट्रांसमिशन

ICMR के वैज्ञानिक डॉ.आरआर गंगाखेड़कर ने बताया कि अगले 24 से 36 घंटों में यह पता चल जाएगा कि कोरोना वायरस ने भारत में कम्यूनिटी ट्रांसमिशन शुरू किया या नहीं। यानी स्टेज तीन पर वायरस पहुंचा या नहीं। यह पता करने के लिए गणितीय मॉडल पर काम चल रहा है। डॉ. गंगाखेड़कर ने यह जानकारी एक मीडिया संस्थान को दी है।

तीसरे स्टेज में न पहुंचे

क्योंकि हाल ही में ICMR के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने भी कहा था कि अगर कोरोना वायरस देश में स्टेज तीन पर पहुंच गया तो उसे संभालना बेहद मुश्किल हो जाएगा। इसलिए अब सरकार प्रयास कर रही है कि यह तीसरे स्टेज में न पहुंचे।

लॉकडाउन की जरूरत

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को अपने स्तर से जोखिम का आकलन करते हुए उन इलाकों की पहचान करने को कहा गया है जहां लॉकडाउन की जरूरत है। ताकि संक्रमण के चेन को तोड़ा जा सके। हरियाणा के झज्जर स्थित 800 बेडों के नेशनल केंसर इंस्टिट्यूट को कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए रिजर्व किया गया है। 1,200 वेंटिलेटर्स का ऑर्डर दिया गया है।

भारतीयों की वापसी

अधिकारियों ने बताया कि देश में कोरोना से संक्रमण के मामलों में वृद्धि की वजह पिछले कुछ हफ्तों में अमेरिका, यूके जैसे बुरी तरह प्रभावित देशों से भारतीयों की वापसी हो रही है।

कोविड-19 से बुखार और खांसी

डॉ. बलराम भार्गव ने ये भी बताया है कि 80% मामलों में सामान्य बीमारी है। उन्हें संक्रमण का पता भी नहीं चलता है। 20% मामलों में कोविड-19 से बुखार और खांसी होती है। करीब 5% संक्रमितों को भर्ती कराने की जरूरत होती है।

कोई सटीक दवा नहीं

डॉ. भार्गव ने बताया कि गंभीर रूप से बीमार मरीजों का इलाज अलग-अलग लक्षणों के आधार पर ही किया जा रहा है। कुछ दवाइयों के कॉम्बिनेशन आजमाए जा रहे हैं, लेकिन इलाज की अब तक कोई सटीक दवा नहीं मिली है।

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