सामने आया कोरोना वायरस का सबसे बड़ा झूठ, चीन ने दुनिया से छुपाया
चीन के वुहान शहर से शुरू हुए कोरोना वायरस का कहर रुकने का नाम नहीं ले रहा है। इससे पीड़ित लोगों की संख्या एक लाख के आंकड़े को पार कर गई है। वहीँ अकेले चीन में मृतकों की संख्या पांच हजार को पार कर गई है। पिछले 24 घंटों में जिस देश में कोरोना वायरस के सबसे अधिक मामले बढ़े हैं वो इटली के हैं, जहां 175 नए केस देखने को मिले जबकि ईरान में 97, स्पेन में 63 नए मामले सामने आए हैं।
चीन के बाद इटली ऐसा दूसरा देश है, जहां कोरोना वायरस का कहर सबसे ज्यादा है। इटली में 1,441 की मौत हो चुकी है। वहीं इरान में 611 लोगों की मौत हो चुकी है। स्पेन में 5,753 केसों में 183 लोगों की मौत हो चुकी है। फ्रांस में 3,661 केसों में 79 लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना वायरस की उत्पत्ति चीन के वुहान शहर के वन्य जीवों के मांस बेचने वाले एक बाजार से हुई।
इन सबके बीच अब सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या चीन कोरोना वायरस पर कोई झूठ बोल रहा है? दरअसल चीन सरकार के कुछ दस्तावेज मीडिया में लीक हो गए हैं और ये दस्तावेज सरकार के दावे से अलग कहानी कह रहे हैं। चीन का कहना था कि कोरोना वायरस की शुरुआत वुहान से हुई थी, लेकिन चीनी अधिकारी ने 7 जनवरी को ये जानकारी दी थी उन्होंने मरीजों में नए वायरस के संक्रमण का पता लगाया है।
सरकार ने कहा था कि संक्रमण का पहला मरीज एक महीने पहले 7 दिसंबर को बीमार पड़ा था। लेकिन अब सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या यह सच है? या चीन दुनिया से अपनी नाकामी छुपा रहा है? एक विदेशी मीडिया को एक क्लासिफाइड डॉक्यूमेंट हाथ लगा है। मीडिया में लीक हुआ ये सरकारी दस्तावेज चीन के दावे से अलग कहानी बता रहा है।
सरकार का जो दस्तावेज लीक हुआ है उससे पता चलता है कि कोरोना वायरस का एक मरीज 17 नवंबर 2019 को ही ट्रेस कर लिया गया था। चीन के हुबेई प्रोविन्स में यह मरीज मिला था और वुहान हुबेई की राजधानी है। तो वहीं दूसरे रिपोर्ट में कहा गया है कि लीक दस्तावेज इस बात की ओर इशारा करते हैं कि 17 नवंबर को कोरोना वायरस मरीज को ट्रेस करने के करीब 2 महीने बाद चीन ने वुहान सहित कई शहरों में बड़ी कार्रवाई की थी और प्रतिबंध लगाए।
रिपोर्ट के मुताबिक, हुबेई में रहने वाले 55 साल के शख्स के अंदर 17 नवंबर को कोरोना वायरस का संक्रमण पाया गया था। रिपोर्ट में बताया है कि इसके बाद से हर दिन एक से 5 नए मामले सामने आने लगे। आधिकारिक तौर से चीन ने दावा किया है कि कोरोना वायरस का पहला मरीज 7 दिसंबर को मिला था।
हालांकि, बड़े पैमाने पर एक्शन कई हफ्ते बाद लिए गए थे। तो वहीं लीक दस्तावेज से इस बात की भी जानकारी मिलती है कि 31 दिसंबर से पहले तक सरकारी अधिकारियों ने कोरोना वायरस से संक्रमित 266 लोगों की पहचान कर ली थी।