प्रदेशMain Slideजीवनशैली

इस जगह लोग जलती चिता की भस्म से खेलते हैं होली, जानिए अनोखी कहानी

वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर चिता की भस्म के साथ होली खेली जाती है। एक पुरानी परंपरा के अनुसार भगवान भोलेनाथ जब रंगभरी एकादशी को पार्वती का गौना करा कर जाते हैं, उस दिन वो समस्त देवी देवताओं व काशी वासियों के साथ होली खेलते हैं।वहीं उसके दूसरे दिन उनके गण, भूत, पिचास साधु, सन्यासी भी उनके साथ होली खेलने के लिए उनका इंतजार करते हैं और भगवान भोलेनाथ अपने भक्तों को बिना इंतजार कराएं अगले दिन पहुंच जाते हैं।

मणिकर्णिका घाट जहां पर भूत प्रेत और साधु सन्यासियों के साथ होली खेलते हैं, वह होती है दुनिया की सबसे अनोखी होली चिता भस्म की होली।

होली
pic – google

कहा जाता है ये होली पुरानी परंपरा के साथ चलती चली आ रही है, जहां मणिकर्णिका घाट पर स्थित मणिकर्णिकेश्वर महादेव का सबसे पहले सिंगार किया जाता है ,उसके बाद उनकी आरती के साथ ही चिता भस्म और अबीर गुलाल एक दूसरे पर लोग डालना शुरू कर देते हैं।

मंदिर के बाद ये कारवां चिताओं के बीच में पहुंचता है, जहां डीजे की धुन पर लोग एक दूसरे के ऊपर चिता भस्म की राख को उड़ाते हुए होली का आनंद लेते हैं । वहीं एक तरफ चिता जल रही होती है तो दूसरी तरफ चिताओं की ठंडी राख एक दूसरे पर फेंककर होली का आनंद लिया जाता है और कहा जाता है एक दिन सभी को इसी तरह चिताओं में भस्म हो जाना है, तो फिर क्यों मौत से डरना आज के इस अलौकिक होली में काशी वासियों के साथ विदेशी भी जमकर झूमते हैं और एक दूसरे पर चिता की भस्म को फेंकते हैं।

Tags
Show More

Related Articles

Back to top button
Close
Close