उत्तराखंड के इस मंदिर में दर्शन करने से पूरी होती है हर मन्नत, सीएम भी टेकते हैं माथा
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत शनिवार को प्रतापनगर स्थित ओणेश्वर महादेव मंदिर परिसर में शिवरात्री के अवसर पर आयोजित दो दिवसीय पर्यटन, सास्कृतिक एवं विकास मेले के समापन समारोह में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने ओणेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने टीएचडीसी द्वारा सीएसआर के तहत निर्मित भव्य पाण्डाल का लोकार्पण किया। उन्होंने क्षेत्र के विकास से सम्बन्धित अनेक घोषणायें भी की। मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषाणाओं में ओणेश्वर मंदिर का सौन्दर्यकरण, लम्बगांव में पार्किंग निर्माण, जाखणीधार क्षेत्रांतर्गत खोला मोटर मार्ग 1 किलोमीटर, मदननेगी-मोटणा मोटर मार्ग निर्माण, जाखणीधार में भद्रेश्वर मन्दिर मोटर मार्ग निर्माण, केन्द्रीय विद्यालय सौड मोटर मार्ग की मरम्मत शामिल है।
इस अवसर पर अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि टिहरी डेम के बनने से प्रतापनगर क्षेत्र व्यपक रुप से प्रभावित हुआ है। उन्होने कहा कि डोबरा-चांठी पुल का निर्माण समय से पूरा करने के लिए सरकार ने 88 करोड़ रुपये की धनराशि एकमुश्त निर्माणदायी संस्था को उपलबध करायी है। उन्होंने कहा कि डोबरा-चाठी पुल का निर्माण कार्य शीघ्र पूरा होने जा रहा है।
पुल के बन जाने से क्षेत्रीय जनता को जहां आवागमन में सुविधा होगी वहीं क्षेत्र में विकास कार्यो में गति आने के साथ ही योजनाओं के क्रियान्वयन में भी आसानी होगी। उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य की समस्याओं का प्राथमिकता व पारदर्शिता के साथ निस्तारित कर रही है। राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2022 तक प्रदेश के प्रत्येक गांव को सड़क से जोडने का लक्ष्य रखा है जिनका निर्माण कार्य गतिमान है। इसके अलावा राज्य के प्रत्येक गाँव के हर घर को विद्युत से जोड़ना, राज्य को खुले में शौच से मुक्त करने में सफलता हासिल की है।
उन्होने कहा कि सरकार राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्थ करने का कार्य प्राथमिकता से कर रही है जिसमें उत्तराखण्ड अटल आयुषमान योजना के तहत एक वर्ष में 1 लाख 29 हजार व्यक्तियों का निशुल्क ईलाज किया गया जिसपर कुल 112 करोड़ रुपये का व्यय सरकार द्वारा किया गया है।
वही प्रदेश के दुरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं में गुणवत्ता व सुधार लाने के लिए 335 और चिकित्सकों की भर्ती की प्रक्रिया जारी है। 335 चिकित्सकों की नियुक्ति के उपरान्त प्रदेश में चिकित्सकों की संख्या लगभग 2500 हो जायेगी, जिससे स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार आयेगा। उन्होने कहा कि प्रदेश में जहां पहले प्रसव के दौरान महिलाओं की मृत्यु दर 1 लाख पर 284 थी उसमे सुधार करते हुए उसे 84 पर लाया गया है वहीं प्रदेश में संस्थागत प्रसव की दर में भी निरंतर वृद्धि हुई है।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की सदस्य स्वराज विद्धान, स्थानीय विधायक विजय सिंह पंवार, दायित्वधारी रोशन लाल सेमवाल, अतर सिंह तोमर, जिलाधिकारी डा.वी. षणमुगम, एसएसपी डा योगेन्द्र सिंह रावत, पूर्व जिला पंचायत सदस्य मुरारी लाल खण्डवाल, देवेन्द्र दुमोगा सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं भारी संख्या में स्थानीय जनता उपस्थित थी।