उत्तराखंड : अब निजी व्यवसायिक वाहनों में सफर आपकी जेब पर पड़ेगा भारी
उत्तराखंड में निजी व्यवसायिक वाहनों में सफर आज से महंगा हो गया है। राज्य परिवहन प्राधिकरण की गत 31 जनवरी को हुई बैठक में किराये में वृद्धि पर लिए फैसले का मंगलवार शाम नोटिफिकेशन जारी हो गया।
बढ़ पाएगा किराया
इसके साथ ही ट्रांसपोर्टरों ने बढ़ा किराया लेना शुरू कर दिया। रोडवेज की बसों में अभी दो-तीन दिन बढ़े हुए किराये से राहत रहेगी। सर्वर अपडेट करने के बाद ही रोडवेज की बसों में किराया बढ़ पाएगा।
संबंधित ट्रांसपोर्टर के विरुद्ध कार्रवाई
निजी बसों के साथ ही सिटी बसें व टैक्सी, ऑटो और विक्रम के किराये में भी वृद्धि हो गई है। परिवहन उपायुक्त एसके सिंह ने बताया कि अगर कहीं नोटिफिकेशन से अधिक किराया लेने की शिकायत मिली तो संबंधित ट्रांसपोर्टर के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
निजी एवं रोडवेज बसों का मूल किराया भी एकसमान
प्राधिकरण ने निजी एवं रोडवेज बसों का मूल किराया भी एकसमान कर दिया है। हालांकि, रोडवेज को छूट भी दी गई है कि वह मूल किराए में 20 प्रतिशत तक वृद्धि कर सकता है। बुधवार से मैदानी मार्गों पर निजी बस का किराया 1.05 रुपए प्रति किमी प्रति यात्री, जबकि पर्वतीय मार्गों पर यह किराया 1.50 रुपए हो गया है।
ई-टिकट मशीनें भी की जाएंगी अपडेट
रोडवेज महाप्रबंधक दीपक जैन के मुताबिक पहले नए किराये को सर्वर में अपडेट करना होगा। इसके लिए दो से तीन दिन का समय लग सकता है। उसके बाद ई-टिकट मशीनें भी अपडेट की जाएंगी। फिर नए किराये को लागू किया जाएगा।
रोडवेज में एक माह में दूसरी बार किराया बढ़ेगा। गत माह उत्तर प्रदेश रोडवेज के किराया वृद्धि से उत्तराखंड को भी अपनी बसों में किराये की वृद्धि करनी पड़ी थी।
टैक्सी डीलक्स श्रेणी में
शहर में आज से सिटी बस, टैक्सी, ऑटो व विक्रम का सफर करने में भी लोगों को जेब ढीली करनी पड़ रही है। सबसे ज्यादा मार टैक्सी में यात्रा पर पड़ रही है, क्योंकि परिवहन प्राधिकरण ने पहली बार प्रदेश में टैक्सी कैब की श्रेणी निर्धारित की है। इसमें छह लाख तक के मूल्य वाली टैक्सी को साधारण और 12 लाख तक की टैक्सी डीलक्स श्रेणी में रखी गई है।
किमी के हिसाब से स्लैब
नए किराये में सिटी बसों के लिए किमी के हिसाब से स्लैब तय किए गए हैं। इससे सिटी बस का किराया दो से पांच रुपए तक महंगा हो गया है। प्राधिकरण ने ऑटो और विक्रम के प्रति किमी किराये में भी वृद्धि की है। ऑटो में पहले दो किमी का किराया 50 रुपए जबकि इससे ऊपर प्रति किमी किराया 15 रुपए है।
कुल सवारियों के औसत पर वसूला जा सकेगा
रात्रि में किराया 50 प्रतिशत अधिक होगा। पहले रात्रि में ये किराया 25 प्रतिशत ही अधिक था। ऑटो यूनियन द्वारा ये भरोसा दिया है कि वह रात को शहर के सभी प्रमुख प्वाइंट पर ऑटो उपलब्ध कराने का प्रयास करेगी। दूसरी ओर, प्राधिकरण ने विक्रम के किराया को नौ रुपए प्रति किमी से बढ़ा पहले दो किमी के लिए 40 रुपए और इसके बाद हर किमी 17 रुपए किया है। यह किराया विक्रम में बैठने वाली कुल सवारियों के औसत पर वसूला जा सकेगा।
चारधाम यात्रा शुरू होने पर यह किराया होगा मान्य
प्राधिकरण ने पहली बार चारधाम यात्रा मार्ग की बसों का किराया भी तय कर दिया है। लंबे समय से ट्रांसपोर्टर इसकी मांग कर रहे थे। इसमें प्रति किमी किराया और प्रतिदिन प्रतीक्षा शुल्क बसों की श्रेणी के अनुसार ही तय किया गया है। चारधाम यात्रा शुरू होने पर यह किराया मान्य होगा।
कोई खास अंतर नहीं
निजी बसों की अपेक्षा रोडवेज बसों का किराया 20 प्रतिशत अधिक होगा। परिवहन प्राधिकरण ने रोडवेज को 20 प्रतिशत किराए में वृद्धि की छूट दी है। ऐसे में यदि रोडवेज ये वृद्धि करता है तो रोडवेज बसों में मैदानी मार्गों पर किराया 1.25 रुपए और पर्वतीय मार्गों पर किराया 1.80 रुपए होगा। रोडवेज बसों में मौजूदा किराए के सापेक्ष नए किराये में कोई खास अंतर नहीं आएगा।
बसों का किराया भी महंगा
प्राधिकरण ने 2&2 सीटर व एसी बसों का किराया भी महंगा कर दिया है। नए फैसले में 3&2 सीटर साधारण बसों की तुलना में 2&2 सीटर साधारण बसों का किराया 1.07 प्रतिशत महंगा होगा। वहीं, एसी 3&2 सीटर बसों का किराया 1.25 प्रतिशत जबकि 2&2 सीटर एसी बसों का किराया 1.90 प्रतिशत महंगा होगा। वाल्वो बसों का किराया तीन प्रतिशत अधिक होगा।
टैक्सी का प्रतीक्षा शुल्क इस प्रकार है-
साधारण: पहले दो घंटे तक 50 रुपए, चार घंटे तक 125 रुपए और इससे ऊपर प्रति घंटे 50 रुपए लगेंगे।
डीलक्स: पहले दो घंटे तक 75 रुपए, चार घंटे तक 175 रुपए और इससे ऊपर प्रति घंटे 100 रुपए लगेंगे।
लग्जरी: पहले दो घंटे तक 100 रुपये, चार घंटे तक 250 रुपये और इससे ऊपर प्रति घंटे 150 रुपये लगेंगे।
सुपर लग्जरी: पहले दो घंटे तक 125 रुपए, चार घंटे तक 350 रुपए और इससे ऊपर प्रति घंटे 200 रुपए लगेंगे।
प्राधिकरण ने माल वाहनों के किराये में फिलहाल कोई वृद्धि नहीं की है। ई-रिक्शा एवं रेंटल बाइक के किराये पर भी अभी फैसला नहीं हुआ है।