देहरादून में हुआ “एक सुबह दिव्यांगों के नाम” का भव्य आयोजन
देहरादून के बद्रीपुर स्थित नाइन पाम में “एक सुबह दिव्यांगों के नाम” से भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन उत्तराखंड सरकार में राज्य मंत्री स्तर एवं सुप्रसिद्ध हास्य कलाकार घन्नानंद ने किया। मुख्यअतिथि ने कार्यक्रम में दूरस्थ क्षेत्रों से आए अलग-अलग 40 दिव्यांगों को व्हील चेयर, गर्म कपड़े, कम्बलें व बैशाखी वितरित किये।
स्वस्थ समाज का निर्माण
घन्नानन्द ने अपने संबोधन में कहा कि हमें हमेशा एक दूसरे के प्रति दयाभाव रखना होगा। तभी हम स्वस्थ समाज का निर्माण करने में सही मायने में भागीदार कहलाएंगे। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड संस्कृति का प्रदेश है और हमारी संस्कृति हमें हमेशा एक दूसरे का सम्मान करना सिखाती है।
समाज सेवा
घनानंद ने कहा समौण इंसानियत मुहिम के तहत समाज सेवा करने वाली दोनों बहिनों मनस्विनी मैठाणी और यशस्विनी मैठाणी को समाज के लिए प्रेरणादायक बताया और कहा कि प्रत्येक माता पिता को ऐसे ही बचपन से ही बच्चों में संस्कारों को रोपना जरूरी है। यही बच्चे कल राष्ट्र के अच्छे व संवेदनशील जिम्मेदार नागरिक बनेंगे।
कात्यायिनी चैरिटेबल ट्रस्ट
कार्यक्रम में दिव्यांगों ने एक से बढ़कर एक रंगारंग प्रस्तुतियां दी। दिव्यांग वीरू जोशी के लोक गीतों पर दर्शक झूम उठे। कात्यायिनी चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा नन्हीं समाजसेवी एवं समौण गर्ल्स के नाम से चर्चित दोनों बहिनों यशस्विनी मैठाणी और मनस्विनी मैठाणी को आज नाइन पाम बद्रीपुर देहरादून में एक भव्य समारोह में सम्मानित किया गया।
मनस्विनी और यशस्विनी मैठाणी
मनस्विनी और यशस्विनी मैठाणी समाजसेवी शशि भूषण मैठाणी की बेटियां हैं। यह दोनों विगत तीन वर्षों से लगातार “समौण इंससानियत” की मुहिम में अपने पिता के साथ सर्द रातों में घर से बाहर निकल कर जरूरतमंद लोगों को अपने हाथों गरम कपड़े पहनाते व ओढाते हैं।
समौण इंसानियत की
समाजसेवा में दोनों बेटियों की बढ़ती रुचि को देखते हुए इनके पिता शशि भूषण मैठाणी ने “समौण इंसानियत की” मुहिम से दोनों बेटियों को जोड़ दिया व उन्हें समय-समय पर दिशा निर्देशित करते गए। और देखते ही देखते दोनों बेटियों ने भारत चीन से सटे सरहद के गांव “सूकी” से लेकर केदारनाथ आपदा में अनाथ हुए परिवारों के बच्चों व देहरादून के भिन्न-भिन्न बस्तियों तक पहुंचकर कुल 7 हजार 182 जरूरतमंद लोगों को स्वयं अपने हाथों गर्म कपड़े पहना व बांट चुके हैं।
कात्यायिनी चैरिटेबल ट्रस्ट
इन बच्चियों की इस जिजीविषा व जीवटता को देखते हुए कात्यायिनी चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रशासनिक निदेशक गोपाल असवाल, महासचिव कात्यायिनी घिल्डियाल व मुख्य ट्रस्टी कुसुम गोपाल असवाल द्वारा सम्मान पत्र, स्मृति चिन्ह व माला पहनाकर कर सम्मान किया गया। इस मौके पर मिशन फॉर पी के अध्यक्ष सुभाष भट्ट, जि.प. सदस्य देवी जोशी, कात्यायिनी चैरिटेबल ट्रस्ट से कुसुम गोपाल असवाल, कात्यायिनी घिल्डियाल, जी. एस. नेगी, गौरी, शशि भूषण मैठाणी आदि उपस्थित थे।