उत्तरकाशी नदी में धड़ल्ले से चल रहा है खनन, गंगा नदी के लिए खतरे की घंटी
गंगा भागीरथी अपने उद्गम स्थल के पहले ही उत्तरकाशी से ही दूषित हो रही है। NGT, हाईकोर्ट, पर्यावरण मंत्रालय के रोक लगाने के बाद भी गंगा नदी में धड़ल्ले से बिना किसी रोक टोक के माफियाओं द्वारा खनन किया जा रहा है और सड़क निर्माण में लगी निर्माण एजेंसियां ऑल वेदर सड़क निर्माण का हजारों टन मलबा सीधे भागीरथी नदी में फेक रहे हैं। यह गंगा नदी की स्वच्छता और अविरलता के लिए बहुत खतरा पैदा कर सकता है पर ज़िला प्रशासन को कोई खबर नहीं है।
ज़िले में सक्रिय हुए खनन माफिया
जीवनदायिनी और पूजनीय गंगा नदी इन दिनों अपनी दुर्दशा पर रो रही है। सड़क निर्माण कार्य में लगी ऑल वेदर निर्माण एजेंसियां और ज़िले में सक्रिय हुए खनन माफिया नदी में इस कदर तक खनन कर रहे हैं जिससे नदी की धारा ही बदलती जा रही है।
मशीनें उतारकर नदी में किया जा रहा खनन
भागीरथी नदी के किनारे चिन्यालीसौड़ से लेकर उत्तरकाशी जिला मुख्यालय तक कई जगह ऑल वेदर सड़क निर्माण कार्य का मलबा सीधे नदी में उड़ेला जा रहा है तो वहीँ दूसरी तरफ खनन माफियाओं द्वारा नदी के बीचों-बीच बड़ी-बड़ी पोकलैंड जैसी मशीनें उतारकर कर नदी में खनन किया जा रहा है।
भरपाई करना होगा मुश्किल
पर्यावरणविद् सुरेश भाई का कहना है कि खुलेआम गंगा और हिमालय के पर्यावरण, पारिस्थितिकी से खिलवाड़ किया जा रहा है जो बेहद गलत है और इससे जो नुक़सान हो रहे हैं उनकी भरपाई करना मुश्किल है। ज़िला प्रशासन इसको अनदेखा कर रहा है।
पर्यावरण से छेड़खानी के मामलों पर नज़र रखती है टीम
उत्तरकाशी के ज़िलाधिकारी आशीष चौहान का कहना है कि नदी ऑल वेदर रोड निर्माण कार्य में लापरवाही बरते जाने को लेकर पहले भी कार्रवाई की गई है और आगे भी की जाएगी। एसडीएम, डीएफ़ओ के साथ ही एक टीम पर्यावरण से छेड़खानी के मामलों पर नज़र रखती है और हर शिकायत पर कार्रवाई की जाती है।
जल्द की जाए कड़ी कारवाई
इन दावों के विपरीत ज़मीनी हकीकत किसी से छुपायी नहीं जा सकती है। उत्तराखंड में भागीरथी जैसी नदियों के साथ अपने निजी स्वार्थों के लिए खनन माफिया खिलवाड़ कर रहे हैं। अगर अभी भी इस पर कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की गई तो गंगा नदी सिर्फ तस्वीरों में ही रह जाएगी।