उत्तराखंड में SDRF की सभी टीमों ने एक साथ किया मॉक ड्रिल
देहरादून में SDRF ने अपनी कार्य दक्षता में गुणात्मक सुधार,और रेस्क्यू समय मे न्यूनता लाने के लिए प्रदेश में स्थित सभी पोस्टों में तृप्ति भट्ट सेनानायक SDRF द्वारा दिए गए दिशानिर्देश में गुरुवार को सुबह 7:00 बजे मॉक ड्रिल किया गया। SDRF की सभी टीमों को SDRF कंट्रोल रूम जोलीग्रांट से सड़क दुर्घटना, भूकम्प और भूस्खलन, जैसे विभिन्न काल्पनिक घटना की सूचना प्रेषित की गई और साथ ही तत्काल ही घटना स्थल में पहुंच कर रेस्कयू अभियान चलाने का आदेश भी दिया।
अनेक रेस्कयू अभियानों की मॉक ड्रिल की गई संपन्न
वर्तमान समय में उत्तराखंड राज्य आपदा प्रतिवादन बल की टीमें प्रदेश के विभिन्न स्थानों में तैनात है, जिनके द्वारा अनेक रेस्कयू अभियानो को अंजाम दिया जाता है। ज्यादातर मामलों में आपदा का स्वरूप भूस्खलन,जल एवमं सड़क दुर्घटनाएं होती है, जहां SDRF फ्लड टीम ने ऋषिकेश एवम नैनीताल में जल दुर्घटना की मॉक ड्रिल सम्पन्न की। वहीं अन्य टीमों ने भूकम्प, भूस्खलन एवम सड़क दुर्घटनाओं की मॉक ड्रिल सम्पन्न की।
लाइन सर्च एवम हेलिंग सर्चिंग विधि का इस्तेमाल
SDRF टीमों ने एक ओर जहां भूकम्प जैसी आपदा में इंस्राज मार्किंग के साथ ही लाइन सर्च एवम हेलिंग सर्चिंग विधि का इस्तेमाल किया तो वहीं सड़क दुर्घटनाओं की ड्रिल में कटिंग उपकरण आर आर शा, बुलेट चेन शा, रेम सेठ, पावर एसेंडर का इस्तेमाल किया। सर्चिंग के लिए SDRF टीमों के द्वारा स्वानों (डॉग) का इस्तेमाल भी किया।
इन स्थानों पर किया गया अभ्यास
जनपद अल्मोड़ा में सरियापानी,पिथौरागढ़ में अस्कोट, पुलिस लाइन नैनीताल में खैरना, नैनीताल (फ्लड टीम) उद्यम सिंह नगर में रुद्रपुर, टिहरी में ढालवाला,उत्तरकाशी मे उजेली, भटवाड़ी,बड़कोट,चमोली में चमोली, गोचर,जोशीमठरुद्रप्रयाग में रतूड़ा,सोनप्रयाग, पोड़ी मे कोटद्वार,सतपुली,श्रीनगर बागेश्वर में कपकोट, देहरादून में जोलीग्रांट, चकराता, सहस्त्रधारा में मॉक ड्रिल अभ्यास हुआ।
सभी आवश्यक रेस्कयू उपकरणों का इस्तेमाल
SDRF टीमों के द्वारा सम्पूर्ण मॉक ड्रिल की फ़ोटो और वीडियो ग्राफी भी की गयी, साथ ही सभी आवश्यक रेस्कयू उपकरणों का इस्तेमाल भी किया गया। मॉक ड्रिल का उद्देश्य कार्य क्षमता को बढाना और सुधार करना, न्यूनतम समय में घटना स्थल में पहुंच कर रेस्कयू अभियान की शुरुआत करना, आपसी सामंजस्य बढाना एवमं उपकरणों का विधिवत प्रयोग का अभ्यास करना था।