उत्तरायणी मेले का बरसों से रहता इंतजार, कुत्तों का व्यापार इस मेले की एक विशेषता
बागेश्वर में लगने वाला उत्तरायणी मेला सिर्फ धार्मिक और राजनीतिक ही नहीं है बल्कि यह एक बहुत सफल व्यवसायिक मेला भी है। यहां व्यापार करने के लिए लोग नेपाल सहित और कई दूर राज्यों से आते हैं। इस मेले में कुत्ते पालने के शौकीन भी दूर-दूर से आते हैं और हज़ारों रुपए के कुत्तों का व्यापार भी होता है।
कई वैरायटी के कुत्ते बेचने के लिए आते व्यापारी
यहां भिन्न-भिन्न वैरायटी के कुत्ते बेचने के लिए व्यापारी दूर राज्यों से आते हैं जिनकी कीमत हज़ारों में होती है। कुछ व्यापारी तो ऐसे हैं जो दर्जनों वर्षों से यहां व्यापार करने आते हैं। कई लोग महीनों तक उत्तरायणी मेले का इंतजार करते हैं जिससे मेले में जाकर अच्छी क्वालिटी के कुत्ते खरीद सकें।
लोग महीनों तक इस मेले का करते हैं इंतज़ार
समय काफी बदल गया है पहले जहां दरवाज़ों पर लिखा रहता था अतिथि देवो भवः और अब दरवाजों पर कुत्तों से सावधान का बोर्ड नज़र आने लगा है। बड़े परिवार की अपेक्षा छोटे-छोटे परिवारों की संख्या बढ़ने का भी असर अब देखने को मिलता है। बागेश्वर के मेले में गंगा स्थान से लेकर राजनीतिक पंडाल और उपनयन संस्कार जैसे धार्मिक संस्कारों के लिए लोग महीनों तक इंतज़ार करते हैं।