उत्तराखंड की संस्कृति का प्रतीक है घुघुतिया का त्यौहार
पहाड़ से चाहे जितने लोग पलायन कर रहें हो लेकिन अपनी परम्पराओं व जड़ों से लोगों का जुड़ाव शहरों में भी कायम है। भले ही आज की नई पीढ़ी आधुनिक होती जा रही है लेकिन घुघुतिया का उत्साह ये बता देता है कि पहाड़ की संस्कृति लोगों के मन में बसी हुई है और समूचे पहाड़ में आज उत्तरायणी यानि घुघुतिया का त्यौहार मनाया जा रहा है। उत्तरायणी ऋतु परिवर्तन का त्यौहार है। आज के दिन मकर राशि में प्रवेश के साथ सूर्य उत्तरायण हो जाता है।
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संस्कृति व परम्परा का प्रतीक
पहाड़ की लोक संस्कृति व परम्परा का प्रतीक माना जाने वाला घुघुतिया के दिन आटे, घी व गुड़ से घुघुत बनाने की प्राचीन परम्परा है तो खिचड़ी देने का भी रिवाज है। गंगा स्नान के साथ हर घर में भेंट देने की परम्परा है और आज के दिन बुजुर्ग गुड़ की डेली उपहार स्वरुप देते हैं।
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घरों में बनाए जाते हैं खास पकवान
घरों में उतरायणी के दिन खास तरह के पकवान बनाए जाते हैं तो बेटी, ब्वारी का इंतजार भी घर में रहता है। पहाड़ से शहरों में बसे लोग भी इस पर्व को आज धूमधाम से मना रहे हैं तो दूर रहे लोग भी सोशल मीडिया के माध्यम से इस पर्व को याद कर रहे हैं।