मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने घोटाले पर सख्ती बरतते हुए दिए जांच के निर्देश
मुख्य सचिव उत्तराखंड उत्पल कुमार ने पालिका टेंडर्स घोटाले में शासन को जांच के निर्देश दिए हैं। यह वर्ष 2017-18 के 50 टेंडर्स का घोटाला है। 2.38 करोड़ के टेंडर्स मिलीभगत कर मात्र 0. 10 न्यूनतम दर पर स्वीकृत किए गए थे। घोटाले में लिप्त अधिकारी से ही प्रशासन ने जांच करा दी थी। 40 फ़ीसदी टेंडर्स एक ही ठेकेदार को आवंटित कर दिए थे।
टेंडर घोटाले की पुनः जांच की मांग
जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने बताया कि मोर्चा प्रतिनिधिमंडल में मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह से मुलाकात कर पालिका विकास नगर में हुए टेंडर घोटाले की पुनः जांच की मांग को लेकर 20/11/19 को ज्ञापन सौंपा था, जिसमें मुख्य सचिव ने गंभीरता दिखाते हुए सचिव, शहरी विकास को मामले की जांच करने एवं घोटालेबाज अधिकारी से घोटाले की जांच कराए जाने की मामले को गंभीरता से लिया एवं रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
टेंडर्स एक ही ठेकेदार को आवंटित
नेगी ने कहा कि वर्ष 2017- 18 में नगर पालिका, विकास नगर में 2.38 करोड़ के 50 टेंडर्स को मिलीभगत कर मात्र 0.10 प्रतिशत न्यूनतम दर पर स्वीकृत कर सरकार को 60-70 लाख का चूना लगाने का काम किया गया था और 40 प्रतिशत टेंडर्स एक ही ठेकेदार को आवंटित कर दिए गये थे।
शहरी विकास को जांच के निर्देश
यदि पारदर्शी तरीके से टेंडर प्रक्रिया संपन्न होती तो यही कार्य 20 से 40 प्रतिशत न्यूनतम दरों पर स्वीकृत किये जाते। मोर्चा द्वारा उक्त घोटाले की जांच हेतु पूर्व में सचिव, शहरी विकास से आग्रह किया गया था, जिसके क्रम में शासन ने दिनांक 20-7-18 को जिलाधिकारी एवं निदेशक, शहरी विकास को जांच के निर्देश दिए थे।
मोर्चा द्वारा की जा रही है कोशिश
प्रशासन ने किसी ईमानदार व निष्पक्ष एजेंसी से जांच कराने के बजाय उसी घोटालेबाज अधिकारी से जांच करा दी, जिसने घोटाले को अंजाम दिया था तथा उक्त अधिकारी ने जांच कर रिपोर्ट प्रशासन के जरिए शासन को प्रेषित करवा दी। उक्त मामले में मोर्चा द्वारा लगभग डेढ़ वर्ष से कोशिश की जा रही है।