नमामि गंगे बैठक : उत्तरकाशी में 10 किमी और हरिद्वार में 50 किमी लंबाई में होगी फ्लड प्लेन जोनिंग
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राष्ट्रीय गंगा परिषद की बैठक में प्रतिभाग करते हुए नमामि गंगे परियोजना में गंगा की सहायक नदियों पर स्थित प्रमुख नगरों में भी सीवेज प्रबंधन की योजनाओं की स्वीकृति देने व ठोस अपशिष्ठ निस्तारण की व्यवस्था किए जाने का सुझाव दिया है।
फ्लड प्लेन जोनिंग
मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा वाटिका व बायो डाईवर्सिटी पार्क विकसित करने व नर्सरियां बनाने पर भी जोर दिया जा रहा है। उत्तरकाशी जनपद में 10 किमी और हरिद्वार में 50 किमी लम्बाई में फ्लड प्लेन जोनिंग की अधिसूचना निर्गत कर दी गई है। शेष क्षेत्रों में सर्वेक्षण व अन्य औपचारिक कार्यवाही जून 2020 तक पूर्ण होगी। नमामि गंगे के अंतर्गत स्वीकृत परियोजनाओं की मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव स्तर पर समय-समय पर निरंतर समीक्षा की जाती है।
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गंगा की सहायक नदियों के नगरों में भी सीवेज प्रबंधन की योजनाएं हों स्वीकृत
मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा की सहायक नदियों पर स्थित प्रमुख नगरों में भी नमामि गंगे परियोजना में सीवेज प्रबंधन की योजनाओं की स्वीकृति प्रदान की जाए। हरिद्वार और ऋषिकेश जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों को पूर्णतः सीवर लाईन से आच्छादित करने के लिए भारत सरकार की अनुमति से जर्मन बैंक के.एफ.डब्ल्यू. से वित पोषण का अनुबंध हो चुका है। परंतु गंगा की मुख्य धारा के साथ-साथ सहायक नदियों पर स्थित धार्मिक व पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण अन्य नगरों में सीवर लाईन बिछाया जाना जरूरी है। इसके लिए नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत वित्तीय सहायता की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ठोस अपशिष्ठ का निस्तारण भी बहुत महत्वपूर्ण है। इसके लिए नमामि गंगे परियोजना से भी वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाए या स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत वायबिलिटी गैप फंडिंग के अनुपात को बढ़ाकर 90ः10 के अनुपात में वित्तीय सहायता दी जाए।