वेस्ट टू एनर्जी नीति से स्वच्छ होगी गंगा की धारा – सीएम त्रिवेंद्र
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राष्ट्रीय गंगा परिषद की बैठक में प्रतिभाग करते हुए नमामि गंगे परियोजना में गंगा की सहायक नदियों पर स्थित प्रमुख नगरों में भी सीवेज प्रबंधन की योजनाओं की स्वीकृति देने व ठोस अपशिष्ठ निस्तारण की व्यवस्था किए जाने का सुझाव दिया है।
निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए वेस्ट टू एनर्जी नीति
मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा नदी के तट पर 15 प्राथमिकता के नगरों के सभी 196 वार्डों में डोर-टू-डोर कूड़ा उठाया जा रहा है। इसमें से 83 वार्डों में सोर्स सेगरीगेशन भी प्रारम्भ हो चुका है। प्रदेश में सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया गया है। प्लास्टिक अपशिष्ठ के निस्तारण के लिए 10 नगरों में प्लास्टिक कम्पैक्टर लगाए गए हैं। 04 अन्य नगरों में भी कम्पैक्टर लगाए जाने की प्रक्रिया गतिमान है। निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए वेस्ट टू एनर्जी नीति बनाई गई है।
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गंगा नदी के तटवर्ती 22 ग्रामों को चिन्हित कर वहां जैविक कृषि को क्लस्टर एप्रोच के माध्यम से प्रोत्साहित करने की कार्ययोजना बनाई गई है। प्रथम चरण में जनपद चमोली, उत्तरकाशी, पौड़ी, रूद्रप्रयाग व टिहरी के कुल 42 ग्रामों में जैविक खेती का कार्य प्रारम्भ हो चुका है।