उत्तराखंड के नैनीताल जिला की जिला कोर्ट ने पत्नी की हत्या के मामले में दोषी वकील पति को आजीवन कारावास की सजा सुना दी। इसके अलावा आरोपी वकील मनीष अरोड़ा पर अदालत ने 30 हजार का जुर्माना भी लगाया।
कोर्ट ने कहा कि जुर्माना अदा न करने पर दोषी व्यक्ति को अतिरिक्त सजा भी दी जाएगी। सजा सुनाने के बाद जेल से कोर्ट लाए गए दोषी वकील को वापस जेल भेज दिया गया।
पोस्टमार्टम से गला दबाकर मारने की बात आई सामने
मई 2016 में रुड़की आजाद नगर के मनीष अरोड़ा (उम्र 26 वर्ष) की पत्नी पद्मनी अरोड़ा को 19 मई की शाम को बीडी पांडे जिला अस्पताल में लाया गया था। चिकित्सक ने जांच की जिसेके बाद महिला को मृत बताया गया। जब शव को मोर्चरी में भेजने लगे तो मनीष चिकित्सक से शव घर रुड़की ले जाने की जिद पर अड़ गया और शव को लेकर रुड़की चला गया। जब पद्मनी के मायके वालों को इस बात का पता चला तो वे मौके पर पहुंचे और शव का पोस्टमार्टम करवाया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पद्मनी की गला दबाकर हत्या होने की पुष्टि की बात सामने आ गयी, जिसके बाद मनीष अरोड़ा के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया।
हत्या के सबूत छिपाने व दहेज उत्पीड़न में माना दोषी
इस मुकदमे को नैनीताल ट्रान्सफर कर दिया गया. पिछले दिनों कोर्ट ने मनीष अरोड़ा को हत्या के सबूत छिपाने व दहेज उत्पीड़न में दोषी माना गया था। अब कोर्ट ने इस पर आजीवन कारावास की सजा सुना दी है। इसके साथ ही कोर्ट ने आरोपी वकील को उसकी 9 साल की बेटी के लिये विधिक सेवा प्राधिकरण का भी आदेश जारी किया है कि पीड़ित प्रतिकर योजना का लाभ निरंतर दिया जाये।
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