किसानों को मिलेंगे फसल से सम्बंधित सभी सुझाव, मौसम विभाग ने वॉट्सऐप पर शुरू की ये सेवा
अब वॉट्सऐप देश भर के किसानों के लिए एक बहुत उपयोगी सुविधा ले कर आया है। दरअसल मौसम विभाग मौसम के साप्ताहिक पूर्वामुमान के आधार पर अब देश के सभी किसानों को वॉट्सऐप के द्वारा यह भी बताएगा कि किस फसल को कब कितना खाद पानी देना है।
आपको बता दें मौसम विभाग अभी किसानों को मोबाइल फोन पर SMS के माध्यम से केवल उनके क्षेत्र में अगले चार पांच दिनों में हवा की गति, संभावित बारिश की मात्रा और ओलावृष्टि से समन्धित आवश्यक जानकारियां दे रहा है। अब तक देश के करीबन चार करोड़ किसानों को इस सुविधा से जोड़ा जा चुका है।
ग्रामीण कृषि मौसम सेवा
कृषि मौसम विज्ञान इकाई के प्रमुख वैज्ञानिक रंजीत सिंह ने बताया है कि विभाग की कृषि मौसम विज्ञान इकाई ने जिला और ब्लॉक स्तर पर देश के सभी 633 जिलों में किसानों के लिए ‘ग्रामीण कृषि मौसम सेवा’ शुरु करने की प्रक्रिया का प्रारंभ कर दिया है।
किसानों के वॉट्सऐप ग्रुप
डॉ सिंह ने बताया है कि इस योजना के पहले चरण में देश के 115 आकांक्षी जिलों में यह सेवा शुरु कर दी गई है। इस योजना के अंतर्गत मौसम विभाग के सामंजस्य से सभी जिलों में संचालित किये गये किसान विकास केन्द्रों में मौसम और कृषि क्षेत्र के दो विशेषज्ञों की तैनाती की जा रही है। ये केन्द्र सभी जिलों में ब्लॉक और गांव के स्तर पर किसानों के वॉट्सऐप ग्रुप बनाएगें।
किस फसल को कितना खाद पानी
इस ग्रुप में सप्ताह में दो दिन (मंगलवार और शुक्रवार) को स्थानीय स्तर पर मौसम की जानकारी दी जाएगी और इसके साथ ये भी बताया जायेगा कि मौसम की उक्त परिस्थितियों में किस फसल को कितना खाद पानी देना है।
मिलेगी आवश्यक जानकारी
डॉ सिंह ने ये भी बताया है कि वॉट्सऐप पर किसानों को बारिश की मात्रा, हवाओं के रुख, आद्रता और तापमान के साथ साथ मौसम के अन्य पहलुओं के पूर्वानुमान के आधार पर फसलों की बुआई, सिंचाई और कटाई सहित अन्य आवश्यक जानकारी भी दी जाएगी।
कृषि संबंधी दिक्कतों के समाधान
उन्होंने बताया कि इस सेवा के लिये विभाग को अत्याधुनिक एग्रोमेट सॉफ्टवेयर की सहायता लेगा। इससे जिला स्तर पर कृषि मौसम बुलेटिन भेजा जाएगा। इस बुलेटिन को ब्लॉक और गांव के स्तर पर बनाए गए किसानों के वॉट्सऐप ग्रुप पर भेज दिया जायेगा। इस योजना के अन्तर्गत किसानो को कृषि संबंधी दिक्कतों के समाधान भी विशेषज्ञों से वॉट्सऐप ग्रुप पर मिल जाएंगे।