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मेरे सैनिक मेरा अभिमान कार्यक्रम में शामिल हुए सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत

राज्य स्थापना सप्ताह के तहत आयोजित कार्यक्रम ‘‘मेरे सैनिक मेरा अभिमान’’ के अंतर्गत पहले सत्र में ‘राष्ट्रीय सुरक्षा : चुनौतियों के बदलते आयाम’ पर चर्चा की गई। सत्र में वक्ता के रूप में पूर्व वाइस आर्मी चीफ ले.जन.एएस लांबा, ले.जन.ओपी कौशिक व पूर्व रॉ चीफ आलोक जोशी ने प्रतिभाग किया।

‘‘मेरे सैनिक मेरा अभिमान कार्यक्रम’’ के द्वितीय सत्र में ‘आंतरिक सुरक्षा और सुरक्षा बलों का प्रशिक्षण व आधुनिकीकरण’ विषय पर चर्चा की गयी। इस सत्र में वक्ता के रूप में कमांडेंट, आईएमए ले.जन. एस.के.झा, पूर्व कमांडेंट, आईएमए ले.जन. जी.एस.नेगी, ले.जन.के.के. खन्ना व डीजी लॉ एंड ऑर्डर (उत्तराखण्ड पुलिस) अशोक कुमार ने प्रतिभाग किया।

सैनिक

‘‘मेरे सैनिक मेरा अभिमान कार्यक्रम ’’ के तृतीय सत्र में ‘सैनिक कल्याण और सेवानिवृत्ति के बाद गरिमा’ पर चर्चा की गई। इस सत्र में वक्ता के रूप में निदेशक सैनिक कल्याण ब्रिगेडियर के.बी.चंद व एमडी उपनल ब्रिगेडियर पी.पी.एस पाहवा  ने प्रतिभाग किया।

इस अवसर पर केन्द्रीय परिवहन राज्य मंत्री (रि.)जनरल वी.के. सिंह भी शामिल हुए। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि वी.के सिंह का उत्तराखंड से गहरा लगाव है। उनके विधानसभा क्षेत्र में उत्तराखंड के ज्यादातर लोग रहते हैं। केन्द्रीय परिवहन राज्य मंत्री (रि.)जनरल वी.के. सिंह ने कहा कि जिस देश में सैनिकों का सम्मान नहीं होता वह देश कभी आगे नहीं बढ़ सकता।

देश को आगे बढ़ाने के लिए हमें सैनिकों का मनोबल बढ़ाना होगा। उत्तराखंड ऐसा राज्य है जिसके हर दूसरे घर में एक सैनिक है। यहां देश के सर्वोत्तम शौर्य मेडल से सम्मानित जवान हैं। वर्तमान में 70 हजार से ज्यादा सैनिक सेना में कार्यरत है। जितना योगदान उत्तराखंड का देश को सैनिक देने में रहा है उतना और किसी का नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार रिटायर्ड सैनिकों का सही इस्तेमाल कर सकती है। इससे प्रदेश की प्रगति होगी। हमारे सैनिक हमेशा ये सोचते हैं कि कैसे हमारे देश का नाम दुनिया में हो। ऐसे में हमें उनका मनोबल बढ़ाना चाहिए।

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