दास्तान-ए-राम में दिखी प्रभु श्रीराम की गौरव गाथा, दर्शक हुए खुश
लखनऊ की सरजमीं पर शाम-ए-अवध के वक्त दास्तान-ए-राम के नाम से गोमतीनगर के संगीत नाटक अकादमी में श्रीरामचरित मानस पर आधारित श्रीरामलीला की कहानी का मंचन किया गया। अवधी और हिन्दी भाषा में ही नहीं बल्कि उर्दू भाषा में भी कलाकारों ने मंचन कर मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की लीला का विशेष दर्शन कराया।
श्रीराम के जन्म से वन गमन व रावण वध के बाद विभीषण को लंकापति बनाने, जब श्रीराम वापस अयोध्या आए जैसे विषयों का मंचन देखकर लगा कि आज ही दीपावली का दीपोत्सव है।
दर्शकों ने किरदारों के हुनर को देखकर दांतो तले अंगुलियां दबा ली। खूब तालियां बजाकर जमकर तारीफ की गई। दास्तान-ए-राम के मंचन में मधुर शेरो-शायरी के साथ भरतनाट्यम कथक के घुंघरू खूब बजे।
वहीं लंकेश रावण की विराट सेना में नागालैंड की संस्कृति की झलक दिखाई दी। इसी मंच पर प्रोड्यूसर तारिक खान ने श्रीराम की महिमा को बखूबी कलाकारों ने निभाया व 40 से अधिक हिंदू-मुसलमान कलाकारों ने इस लीला का मंचन किया।
मुस्तजब मलिक के निर्देशन में संदीप करतार सिंह ने श्रीराम की और श्री लक्ष्मण की भूमिका मो. अहमद ने अदा की है। मां सीता का किरदार सानपा रहमान ने, भरत के रुप में मोहम्मद अदीब व शत्रुघ्न की भूमिका नजीब ने निभाई है। वहीं लंकापति रावण सुशील हैं।