डिजिटल पेमेंट करते वक्त रखें सावधानी, नहीं तो आपका अकाउंट हो जाएगा हैक
आजकल पूरे देश में लोग डिजिटल पेमेंट करना ज्यादा पसंद करते हैं। डिजिटल माध्यम की सुलभता और सुविधा के कारण लोग इसे ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। 2016-17 में करीबन 1.5 मिलियन डिजिटल पेमेंट करते थे। अब 2019 में डिजिटल पेमेंट मोड को स्वीकार करने वाले व्यापारियों की संख्या 10 मिलियन से भी ज्यादा हो गई है।
नोटबंदी के बाद से ये देखा गया है कि ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में काफी बढ़ोत्तरी हुई है। ऑनलाइन ट्रांजेक्शन सरल और सुविधाजक होता है पर ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते समय आपको बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है। आपकी एक छोटी सी गलती से आपका अकाउंट खाली हो सकता है साथ ही आप ऑनलाइन धोखाधड़ी के शिकार भी हो सकते हैं।
क्रेडिट और डेबिट कार्ड से जुड़ी इन जानकारियों से आप कर सकते हैं सेफ ऑनलाइन ट्रांजेक्शन
ऑनलाइन ट्रांजेक्शन
हर कार्ड पर एक 3 अंक का CVV नंबर होता है। ये एक खास नंबर होता है। कार्डधारक को इस नंबर को कभी भी किसी के साथ साझा नहीं करना चाहिए। CVV यानी की Card Verification Value का प्रयोग किसी भी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के समय किया जाता है। जब भी कोई सामान ऑनलाइन खरीदा जाता हैं तब अपने तीन अंकों वाले CVV का यूज करना होता है जिसके बाद ही आपका ट्रांजेक्शन पूरा होता है।
CVV
सभी ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट्स पर ऐसा विकल्प है जिससे अपने कार्ड की डिटेल सेव कर सकते हैं। जिसके बाद आप कभी भी दोबारा उस वेबसाइट पर लॉग-इन करते हैं और कोई सामान खरीदते हैं तो आपको बस CVV डालना होता है और आपका ट्रांजेक्शन पूरा हो जाती है। ऐसा करते हैं तो सावधान हो जाइए क्योंकि हैकर्स ऐसे ही कार्ड्स को सरलता से हैक कर लेते हैं जिनकी डिटेल किसी वेबसाइट पर सेव होती है। जिस वेबसाइट पर डिटेल पहले से ही होती है। उस वेबसाइट पर कार्ड नंबर, पासवर्ड और पिन कुछ भी नहीं डालना होता है। हैकर्स इन्हें बहुत आसानी से हैक कर लेते हैं।
OTP
जब ऑनलाइन ट्रांजेक्शन किया जाता हैं तब 2 विकल्प होते हैं। पहला विकल्प होता है सेव योर कार्ड और दूसरा विकल्प होता है जनरेट वन टाइम पासवर्ड (OTP)। ट्रांजेक्शन के दौरान हमेशा OTP का ही विकल्प चुनना चाहिए। इस विकल्प को क्लिक करने के बाद आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर चार अंकों का OTP भेजा जाता है। जिसका यूज करके ट्रांजेक्शन पूरा कर सकते हैं। OTP का विकल्प सुरक्षित होता है।