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इन उपायों से विजयादशमी पर आपको मिलेगी सुख-समृद्धि और सफलता

विजयादशमी आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। दशहरे के दिन भगवान श्री राम, देवी भगवती, लक्ष्मी, सरस्वती, गणेश और हनुमान जी की पूजा अर्चना करके सभी के लिए मंगल की कामना की जाती है। सभी प्रकार की मनोकामनाओं को पूरा करने हेतु दशहरे के दिन श्री राम रक्षा स्त्रोत, सुंदरकांड अदि का पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है।

सत्यता पर प्राप्त की थी जीत

  • शारदीय नवरात्रि के नौ दिन दुर्गा पूजा के दसवें दिन धूम धाम से मनाई जाने वाली विजयादशमी अभिमान,अत्याचार एवं बुराई पर सत्य,धर्म और अच्छाई की विजय का प्रतीक है।
  • विजयादशमी के दिन भगवान श्री राम ने रावण और देवी दुर्गा ने महिषासुर का वध करके धर्म और सत्यता पर जीत प्राप्त की थी।

पान माना गया है मान-सम्मान, प्रेम एवं विजय का प्रतीक

  • विजयादशमी पर पान खाने, खिलाने तथा हनुमानजी पर पान अर्पित करके उनका आशीर्वाद लेने का विशेष महत्व बताया गया है।
  • पान मान-सम्मान, प्रेम एवं विजय का प्रतीक माना गया है।
  • इसलिए इस दिन रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाद दहन के बाद पान का बीणा खाना असत्य पर सत्य की जीत की प्रन्नता को व्यक्त करता है।
  • साथ ही  शारदीय नवरात्रि के बाद मौसम में बदलाव होने लगता है जिसके कारण संक्रामक रोग आदि के फैलने का डर रहता है।
  • इसलिए पान का सेवन करना स्वास्थ्य की दृष्टि से भी अच्छा होता है क्योंकि पान के सेवन से पाचन क्रिया अच्छे से होती है साथ ही कई संक्रामक बीमारियों से भी रक्षा होती है।

नीलकंठ के दर्शन होते हैं बहुत शुभ

  • विजयदशमी पर नीलकंठ के दर्शन करना बहुत शुभ माना जाता है।
  • शास्त्रों में नीलकंठ पक्षी को भगवान शिव का प्रतिनिधि माना माना जाता है।
  • असत्यता पर सत्यता की जीत पाने के लिए श्री राम ने भी पहले नीलकंठ के दर्शन किए थे।
  • विजयदशमी पर नीलकंठ के दर्शन और भगवान शिव से शुभफल की कामना करने से जीवन में भाग्योदय तो होता ही है साथ ही सुख-समृद्धि भी प्राप्त होती है।

विजयादशमी के दिन होती है सभी सिद्धियों की प्राप्ति

  • विजयादशमी के दिन सभी सिद्धियों की प्राप्ति होती है इसलिए इस दिन आप हर तरह के मांगलिक कार्य कर सकते हैं।
  • ऐसा माना जाता है कि इस दिन जिस काम को प्रारंभ किया जाता है उसमें सफलता जरूर मिलती है।
  • इसी कारण प्राचीन काल में राजा विजयादशमी के दिन विजय की कामना से रण यात्रा के लिए प्रस्थान करते थे।
  • इस दिन जगह-जगह मेले का आयोजन किया जाता हैं, रामलीला आयोजित की जाती है और रावण का विशाल पुतला बनाकर जलाया जाता है।
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