पीएमसी बैंक ग्राहकों को अब मिलेगा ये बड़ा फायदा
रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक के खाताधारकों के लिए पैसा निकालने की सीमा को बढ़ाकर ज्यादा कर दिया है। आपको बता दें ये सीमा 10000 रुपए थी जिसको बढाकर 25000 रुपए कर दिया गया है। ऐसा दूसरी बार देखा गया है जब पीएमसी बैंक पर प्रतिबंध लगाने के बाद रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने खाताधारकों के लिए पैसा निकालने की सीमा को बढ़ा दिया है। 23 सितंबर को रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने पीएमसी बैंक की विड्रॉल लिमिट को 1,000 रुपये ही किया था, जिसके बाद बैंक की कड़ी आलोचना की गयी थी।
देखें ये विशेष रिपोर्ट –
पीएमसी बैंक के दो निदेशकों को किया गया गिरफ्तार
भारत के शीर्ष 10 को-ऑपरेटिव बैंकों में से एक पीएमसी बैंक के पास कुल 11,600 करोड़ रुपये डिपॉजिट उपलब्ध है। रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने इस बैंक में घपले का पता चलने के बाद एक एडमिनिस्ट्रेटर का चयन किया गया है। बैंक की पुरानी प्रबंध व्यवस्था पर मुंबई की आर्थिक अपराध विंग जांच पड़ताल कर रही है। जिसके बाद से पीएमसी बैंक के दो निदेशकों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है।
अपने अकाउंट से निकाल सकतें हैं पूरा पैसा
केंद्रीय बैंक के इस निर्णय के बाद लगभग 70 प्रतिशत जमाकर्ता अपने अकाउंट से पूरा पैसा निकाल सकतें हैं। रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने बताया है कि इस बैंक के ज्यादातर खाताधरकों ने औसतन 10,000 रुपये तक जमा किया है। जबकि बैंक में कुल खुदरा जमा राशि 915 करोड़ रुपये है।
जमाकर्ताओं के हित में उठा सकता जरूरी कदम
बैंक द्वारा बताया गया कि उसने तीन सदस्यीय कमिटी का चयन किया है जिससे वे जेबी भोरिया को असिस्ट कर सकें। फ़िलहाल केंद्रीय बैंक पीएमसी बैंक की निगरानी कर रहा है कि आने वाले समय में जमाकर्ताओं के हित को ध्यान में रखकर जरूरी कदम उठा सकता है।
वित्तीय अनियमितता के आरोप में किया गया गिरफ्तार
जाँच के बाद हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के दो निदेशकों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इन दोनों निदेशकों का नाम राकेश कुमार वाधवान और सांरग वाधवान है , जिन्हें कंपनी में वित्तीय अनियमितता के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
35,000 करोड़ रुपए की संपत्ति भी की गई अधिहृत
राकेश कुमार वाधवान HDIL के एग्जीक्युटिव चेयरमैन हैं। वहीँ सांरग वाधवान कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। इन दोनों ही को गिरफ्तार तो कर ही लिया गया है साथ ही इनकी करीब 35,000 करोड़ रुपये की संपत्ति भी अधिहृत कर ली गई है।