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घर में ऐसे करें वरुण देवता की पूजा, मिलेगा मन चाहा फल
देवताओं के तीन वर्गो (पृथ्वी स्थान, वायु स्थान और आकाश स्थान) में वरुण का सर्वोच्च स्थान है। ये जिन पर नाराज होते हैं उन्हें जलोदर रोग देते है । अनावृष्टि के समय भगवान वरुण की उपासना प्राचीन काल से होती है। ये जलों के स्वामी, जल के निवासी हैं।