राष्ट्रीयMain Slideव्यापार

निर्मला सीतारमण ने किया बड़ा ऐलान, आम आदमी के चेहरे पर आ सकती है खुशी

मंदी के दौर को ख़त्म करने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई बड़े ऐलान कर रहीं हैं। टास्क फोर्स जो डायरेक्ट टैक्स पर बनाया गया है। वो इनकम टैक्स स्लैब में बड़ा डिस्काउंट देने का प्रस्ताव रख रहा है। केंद्र सरकार ने पर्सनल इनकम टैक्स में बदलाव के बारे में नहीं सोचा है। टास्क फोर्स ने यह भी सिफारिश की है कि 35 प्रतिशत टैक्स का एक नया टैक्स रेट जोड़ा जाए।

जिन लोगों को सालाना टैक्सेबल इनकम 2 करोड़ रुपये से अधिक हो, उनपर 35 प्रतिशत का टैक्स रेट लेना चाहिए। इस टास्क फोर्स ने 19 अगस्त को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। आर्थिक सुस्ती से निपटने के लिए बाजार में मांग बढ़ाने हेतु इनकम टैक्स स्लैब में डिस्काउंट देने का परामर्श दिया गया है।

देखिए हमारा नया सेगमेंट – मम्मी कसम खबर धांसू है

https://www.youtube.com/watch?v=6vpF-1BuxQI&t=45s

जाने क्यों की गयी है इनकम टैक्स में बदलाव की मांग

जानकारी के मुताबिक, इस रिपोर्ट में 5 लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक के टैक्सेबल इनकम  पर 10 प्रतिशत टैक्स लगाने की मांग की गई है। वर्तमान समय में इस स्लैब पर 20 प्रतिशत का टैक्स देना होता है। वाषिक 20 लाख रुपये से ज्यादा के टैक्सेबल इनकम पर 30 प्रतिशत का टैक्स लगाना चाहिए। वर्तमान समय में 10 लाख रुपये से ज्यादा टैक्सेबल इनकम पर 30 प्रतिशत का इनकम टैक्स लगाया जाता है।

डायरेक्ट टैक्स में होने वाले हैं ये बड़े बदलाव

5 लाख से 20 लाख रुपये के टैक्स स्लैब में डिस्काउंट से खपत बढ़ाने में हेल्प मिलेगी और मांग में बढ़ोत्तरी होगी।

5 से 10 लाख रुपये के इनकम टैक्स स्लैब के लिए 10 प्रतिशत टैक्स की सिफारिश की गयी है और वर्तमान में यह 20 प्रतिशत है।

10 से 20 लाख रुपये के इनकम टैक्स स्लैब के लिए 20 प्रतिशत टैक्स की सिफारिश की गयी है और वर्तमान में यह 30 प्रतिशत है।

20 लाख रुपये से ज्यादा टैक्सेबल इनकम पर 30 प्रतिशत टैक्स की सिफारिश की गयी है।

2 करोड़ रुपये से ज्यादा के टैक्सेबल इनकम पर 35 प्रतिशत का टैक्स लगाया जाएगा।

ढाई लाख रुपये से ज्यादा टैक्सेबल इनकम पर लगने वाले टैक्स में कोई बदलाव का प्रस्ताव नहीं रखा गया है।

टैक्स पर लगने वाले सरचार्ज और सेस हटाने की सिफारिश की गयी है।

इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी के तहत मिलने वाली कटौती को जारी रखा जाए, लेकिन इसे रियायत माना जाए।

होम लोन के मूल राशि पर टैक्स रिबेट को हटाने टैक्स की सिफारिश की गयी है।

इनकम टैक्स पर से सरचार्ज और सेस हटाने की सिफारिश की गयी है।

रिपोर्ट – श्वेता वर्मा 

 

Tags
Show More

Related Articles

Back to top button
Close
Close