यहां नक्सलियों का वेश धर पुलिस कर रही थी लूटपाट
रायपुर। जब कोई भी अपने आप को किसी खतरें के आसपास पाता है या फिर किसी घटना दुर्घटना का शिकार होता है तो वह सबसे पहले पुलिस के पास ही मदद माँगने के लिए जाता है क्योंकि इस वर्दी पर हर किसी को भरोसा है हम सभी जानते है कि पुलिस समाज की रक्षक है लेकिन ज़रा सोचिये कि अगर रक्षक ही भक्षक बन जाए तो फिर उसका अंजाम क्या होगा। अगर रक्षा का भरोसा देने वाली पुलिस ही इंसान को लूटने पर आमदा हो जाए तो फिर ऐसे में बेचारा एक आम आदमी करे भी तो क्या करे।
हालांकि पुलिस की एक छवि वह भी है जहाँ समाज और लोगों के हितों की रक्षा में अपनी जान तक न्योछावर करने को तैयार रहती है , पर पुलिस महकमे में कुछ लोग ऐसे है जिनके चलते ना सिर्फ पुलिस महकमे की मोराल को डाउन करते है बल्कि लोगों पर से पुलिस के भरोसे को भी कम करते है। छत्तीसगढ़ से एक बेहद हैरतअंगेज़ मामला सामने आया है जहाँ पुलिस नक्सलियों का वेश धर कर लोगों को लूट रही थी।
दरअसल छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग के नारायणपुर जिले में नक्सली बनकर पुलिस के जवान ही लोगों से लूटपाट कर रहे थे और पुलिस नक्सली वारदात मानकर इन वारदातों की जांच भी करती रही। इस मामले की सच्चाई से पर्दा तब उठा जब लूटे गए मोबाइल की लोकेशन ट्रेस करने में पुलिस को पहली कामयाबी हाथ लगी। अगर मोबाइल लेकर ये लोग न चलते, तो यकीन मानिये इन शातिर लुटेरों को पकड़ना बेहद मुश्किल था। नारायणपुर पुलिस पिछले कुछ दिनों में लगातार हुई लूट की घटनाओं से काफी परेशान चल रही थी। वह जांच तो जारी थी लेकिन उसके हाथ सिर्फ नाकामयाबी ही लग रही थी।
इसी बीच मंगलवार रात बेनूर थाने के पास कोकोड़ी गंगामुंडा में बस्तर ट्रैवल्स की एक यात्री बस को आग लगा दी गई। वारदात को अंजाम इस अंदाज़ में दिया गया जैसा नक्सली देते हैं। चार नकाबपोशों ने सड़क पर मोटरसाइकिल आड़ी-तिरछी खड़ी कर दी। बस सड़क पर रुक गई, तभी नकाबपोश हथियारबंद नक्सलियों के वेश में बस को कब्जे में ले लिया। उन्होंने यात्रियों और चालक-परिचालक के मोबाइल लूट लिए। फिर सभी को नीचे उतारकर बस में आग लगा दी।
इस हादसे के बाद पुलिस के कान खड़े हो गए पूरा पुलिस विभाग हरकत में आया और हाथ धोकर इन लुटेरों के पिछे पड़ गया। एसपी मोहित गर्ग ने बताया कि कैसे यह शातिर लुटेरे पुलिस के हत्थे चड़े । उन्होनें बताया कि बस जलाये जाने की घटना के दौरान लूटे गए एक मोबाइल की लोकेशन जिले के ग्राम बम्हनी थाना जिला कोंडागांव में ट्रेस की गई और टीम कोंडागांव के लिए रवाना हुई।
वहां बस्तर और कोंडागांव पुलिस दोनों टीमों ने संयुक्त टीम गठित कर बम्हनी गांव से आत्मसमर्पण कर पुलिस विभाग में सहायक आरक्षक पद पर भर्ती माधव कुलदीप को उसके घर में दबोच लिया। उसके पास से दो एयर पिस्टल, लूट की चार मोबाइल, बाइक और नगद राशि बरामद की गई। उसकी निशानदेही पर हिरदूराम कुमेटी और डोलेंद्र बघेल को भी गिरफ्तार किया गया। डोलेंद्र के कब्जे से तीन मोबाइल, एक बाइक व नगद राशि और हिरदूराम के पास से तीन मोबाइल और नगदी बरामद हुई। इसमें हिरदूराम पुलिस विभाग का बर्खास्त आरक्षक है, जबकि आरक्षक माधव काफी समय से ड्यूटी से गैरहाजिर चल रहा था।