केवल इस वजह से श्री कृष्ण ने अभिमन्यु को क्यों नहीं बचाया था, जान कर यकीन नहीं करेंगे
श्री कृष्ण ने अधर्म का नाश करने के लिए धरती पर जन्म लिया था, तो उस समय उन्होंने सभी देवताओं से आग्रह किया कि सभी देवता धर्म युद्ध के लिए अवतार ले सभी देवता श्री कृष्ण के इस आग्रह को मान लिया और धरती पर अवतार लेने के लिए राजी हो गए थे। लेकिन चंद्रमा ने अपने पुत्र वारिच को धरती पर अवतार लेने से मना कर दिया था।
देवताओं ने चंद्रमा को समझाया तब चंद्रमा ने श्री कृष्ण के सामने एक शर्त रखी कि मेरा पुत्र अर्जुन के पुत्र के रूप में जन्म लेगा और यह अकेले ही पूरे महाभारत युद्ध में सबसे अधिक पराक्रम दिखाएगा। मेरा पुत्र जल्दी ही महाभारत युद्ध से निकल कर मेरे पास लौट आए।
तब श्री कृष्ण ने चंद्रमा की इस शर्त को स्वीकार कर लिया उसके बाद चंद्रमा के पुत्र वारिच धरती ने अभिमन्यु के रूप में जन्म लिया और महाभारत युद्ध में अपना अद्भुत पराक्रम दिखाया। अभिमन्यु ने इतना पराक्रमी और वीर योद्धा था।
कहते हैं कि अभिमन्यु ने अपनी माता के गर्भ में ही पूरा चक्रव्युह तोड़ना सीख लिया था और इसका लाभ पांडवों को महाभारत युद्ध में मिला था लेकिन अभिमन्यु ने अपने प्राण त्याग दिये थे। जिसके कारण अभिमन्यु को आज भी दुनिया याद करती हैं।