आरबीआई को लगा बड़ा झटका, डेप्युटी गवर्नर ने कार्यकाल ख़त्म होने से पहले किया चौंकाने वाला फैसला
आरबीआई के डेप्युटी गवर्नर विरल आचार्य ने कार्यकाल पूरा होने से छह महीने पहले पद छोड़ दिया। यह आरबीआई के लिए बड़ा झटका शाबित होगा। इसके पहले भी आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने दिसंबर में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
दरअसल, डेप्युटी गवर्नर विरल आचार्य ने 23 जनवरी, 2017 को आरबीआई जॉइन किया था और पिछले वर्ष 26 अक्टूबर को आरबीआई की स्वायत्तता बरकरार रखने की जरूरत को लेकर बयान दिया था। ईटी की छानबीन में पता चला है कि आचार्य न्यू यॉर्क यूनिवर्सिटी में बतौर प्रोफेसर सेटर्न स्कूल ज्वाइन करेंगे। आपको बता दें कि उनका परिवार भी न्यू यॉर्क में ही रहता है।
बीते कुछ महीनों से डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य आरबीआई के नए गवर्नर शक्तिकांत दास के फैसलों से अलग विचार रख रहे थे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पिछली दो मॉनिटरिंग पॉलिसी की बैठक में महंगाई और ग्रोथ रेट के मुद्दों पर विरल आचार्य के विचार अलग थे। रिपोर्ट की मानें तो हाल ही की मॉनिटरिंग पॉलिसी बैठक के दौरान वित्तीय घाटे को लेकर भी विरल आचार्य ने गवर्नर शक्तिकांत दास के विचारों से अलग थे।
इससे पहले भी जब गवर्नर उर्जित पटेल ने इस्तीफा अपने पद से निजी कारण बताते हुए इस्तीफा लिया था। आपको बता दें कि आरबीआई के वरिष्ठतम डेप्युटी गवर्नर एन. विश्वनाथन का कार्यकाल खत्म होने वाला है। विरल आचार्य के अचानक पद छोड़ने के कारण विश्वनाथन का कार्यकाल बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है।