Rafale की खूफिया जानकारी चुराने भारतीय वायुसेना के दफ्तर में घुसे जासूस, फिर हुआ ये
राफेल को लेकर पुरे देश में चर्चा होती रहती है। राफेल बनाने के लिए सरकार ने एचसीएल को डील ना देकर अम्बानी को दे दी। इसकी वजह से यह, सभी विपक्षी पार्टियों के लिए पूरे चुनाव में भाजपा के खिलाफ सबसे बड़ा शस्त्र बना। भाजपा ने वापस अपनी सरकार बना ली है और वहीं, राफेल को बनाने के लिए पेरिस में भारतीय वायुसेना काम रही है।
फ्रांस की राजधानी पेरिस में स्थित भारतीय वायुसेना के उस दफ्तर में बीते रविवार को कुछ लोगों ने घुसपैठ करने की कोशिश की, जो भारत के लिए 36 राफेल लड़ाकू विमानों के उत्पादन की निगरानी कर रहा है। आशंका जताई जा रही है कि यह जासूसी का मामला हो सकता है।
हालांकि इन घुसपैठियों के आने से कोई भी डाटा या हार्डवेयर चोरी नहीं हुआ है। स्थानीय पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। इस घुसपैठ की जानकारी रक्षा मंत्रलय को दे दी गई है। हालांकि, इस घटना पर रक्षामंत्रालय और भारतीय वायुसेना की कोई भी प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
भारतीय वायुसेना का दफ्तर राफेल विमान बनाने वाली कंपनी दसॉल्ट एविएशन के परिसर में स्थित है। भारत 58,000 करोड़ रुपए की लागत से 36 राफेल विमानों को खरीदने के लिए सितंबर 2016 में फ्रांस के साथ डील किया था। यह डील सीधे तौर पर दोनों देशों की सरकारों के बीच हुई थी। संभावना यह जताई जा रही है कि भारत को पहला राफेल विमान इस वर्ष सितंबर में मिलेगा।