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बंगाल हिंसा: अमित शाह बोले-‘मूकदर्शक बनकर न बैठे चुनाव आयोग’

बंगाल की राजधानी कोलकाता में अमित शाह के रोड शो के दौरान हुई हिंसा पर भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने प्रेस कांफ्रेंस की जहा उन्होंने बताया की किस तरह उनके रोड के दौरान हिंसा की गयी। अमित शाह ने बताया कि उनके रोड शो के दौरान तीन बार हमला किया गया जिसमें पथरबाज़ी आगजनी और तोड़फोड़ कि गयी।

उन्होंने आगे कहा कि पुरे देश में 6 चरणों में शांति पूर्वक मतदान हुआ केवल बंगाल में पुरे 6 चरणों के दौरान हिंसा फैलाई गयी। अमित शाह ने कोलकाता पुलिस पर भी हमला किया। उन्होने कहा कहा कि पुरे रोड शो में ढाई लाख से ज़्यादा लोग शामिल थे जब हिंसा हुई तब बंगाल पुलिस मूकदर्शक बनी हुई थी। हिंसा को रोकने के लिए कोई कड़े इंतज़ाम नहीं किये गए थे।

तृणमूल और कोलकाता कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अमित शाह और बीजेपी के कार्यकर्ताओं पर विद्यासागर कि मुत्री तोड़ने का इलज़ाम लगाया, इसपर अमित शाह ने बयान दिया कि बीजेपी कार्यकर्ताओं ने मूर्ति नहीं तोड़ी, टीएमसी के गुंडे पहले से ही कॉलेज के अंदर थे उन्होने मूर्ति को खंडित किया है।

अमित शाह ने टीएमसी की 7 कार्यकर्ताओं पर पोस्टर और बनेर फाड़ने का इल्ज़ाम भी लगाया। इसके साथ ही अमित शाह चुनाव आयोग को भी कठघरे में खड़ा किया उन्होंवे कहा कि सार्वजनिक भाषण में ममता बीजेपी को धमकी दे रही है इस पर चुनाव आयोग एक्शन क्यों नहीं ले रही है। उन्होंने चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव आयोग ममता का समर्थन करती है उन्हें दीदी की सभी रैलियां रद्द करवा देनी चाहिए।

बकंगल में दीदी की गुंडागर्दी पर अमित शाह ने ममता बनीर्जी को चैलेंज देते हुए कहा कि 23 मई को बंगाल कि जनता ममता को उनकी कुर्सी से हटा देगी और बीजेपी पूर्ण बहुमत से बंगाल में आएगी। आपको बता दें, 23 मई को लोकसभा चुनाव 2019 का फैसला आने वाला है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि बंगाल में हो रही हिंसा के बीच ममता अपनी गद्दी बचने में कामयाब हो पति हैं या फिर बंगाल में तृणमूल को गिराकर कमल खिलाती है

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