लोकसभा चुनाव के बाद इस दिन आ सकता है राम मंदिर निर्माण पर बड़ा फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता पैनल की समय सीमा 15 अगस्त हो गई है। अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर मध्यस्थता के लिए गठित पैनल की समय सीमा बढ़ा दी गई है।
3 सदस्यीय मध्यस्थता पैनल ने कोर्ट में अपील कर समयसीमा बढ़ाने की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। मध्यस्थता पैनल की अगुवाई शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश एम.एम.आई कलीफुल्ला कर रहे हैं। कलीफुल्ला के अलावा इस पैनल में अध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर और वरिष्ठ वकील श्रीराम पांचू भी शामिल हैं।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पांच न्यायाधीशों की एक संविधान पीठ ने कहा कि उन्हें न्यायमूर्ति कलीफुल्ला की रिपोर्ट मिल गई है जिसमें पैनल ने मध्यस्थता प्रक्रिया पूरी करने के लिए 15 अगस्त तक का समय मांगा है।
न्यायमूर्ति गोगोई के साथ न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर भी इस संविधान पीठ के सदस्य हैं।