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उत्तराखंड में मतदान का गिरा आंकड़ा, सियासतदां भी पशोपेश में
17 वीं लोकसभा के लिए देवभूमि में पहले चरण का चुनाव गुरुवार को शांति पूर्वक पूरा हुआ। पहले चरण के मतदान में जहां उत्तराखंड में 57.85 तो बिहार में सबसे कम 53.5 और बंगाल में सर्वाधिक 81 फीसदी मतदान हुआ। उत्तराखंड में इस बार मतदान बढ़ने की उम्मीद जताई गई थी ,लेकिन 2014 के बनस्पत 3.82 फीसदी मतदान घटा है जो सियासतदानों के लिए अवश्य ही चिंता का विषय बन गया है।
मतदान में आई कमी सियसतदानो के लिए चिंता का विषय बन गई है वहीं निर्वाचन आयोग का कहना है कि सभी जगहों से जानकारी पूरी हो जाने पर 2 से 3 फीसदी बढ़त की उम्मीद है।
सरकार और निर्वाचन आयोग के भरपूर मतदान प्रचार के बावजूद बिहार में सबसे कम और उत्तराखंड में भी मतदान प्रतिशत में कमी आना भाजपा के लिए अवश्य ही चिंता का विषय है।
देशहित और राष्ट्रवाद पर चुनाव लड़ रही भाजपा के लिए ये सुखद संकेत नही है। नए वोटरों को रिझाने के लिए मोदी ने जो राष्ट्रवाद का कार्ड खेला वो कमजोर पड़ता लग रहा है। मतदान में आई कमी से यही अंदेशा जताया जा रहा है। क्या कहना है इस पर दोनों ही बढ़ी पार्टियों का आजाइये आपको दिखाते हैं।
जिलेवार मतदान प्रतिशत –
हरिद्वार में सबसे ज्यादा 72.37,
उधमसिंह नगर में 71.63,
नैनीताल में 62.33,
देहरादून में 61.50,
उत्तरकाशी में 60.44,
रुद्रप्रयाग में 58.87,
बागेश्वर में 57.19,
चमोली में 56.58,
चंपावत में 56.13,
पिथौरागढ़ में 52.01,
पौड़ी में 50.6,
अल्मोड़ा 47.89
टिहरी में 46.48 फीसदी मतदान हुआ।