दो माताओं से आधा आधा पैदा हुआ महाभारत काल का ये योद्धा, हैरान कर देगा ये राज़
महाभारत काल में मगध पर राजा बृहद्रथ का शासन था। राजा बृहद्रथ ने अपने जीवन में दो विवाह किए, लेकिन उन्हें संतान का सुख नहीं मिला। पुत्र प्राप्ति के लिए महर्षि चंडकौशिक के आश्रम में रखकर उनकी सेवा की थी।
उनकी सेवा से प्रसन्न होकर ऋषि ने बृहद्रथ को एक ऐसा फल दिया, जिससे संतान की प्राप्ति हो सकेगी और कहा कि इसे अपनी पत्नियों को आधा आधा खिला दें। बृहद्रथ की पत्नियों ने फल का सेवन किया और वे गर्भवती हो गईं।
जब उनके गर्भ से शिशु ने जन्म लिया तो वो आधा था। बच्चे को देखकर रानियों ने उसे खिड़की से बाहर फेंक दिया। थोड़ी देर के बाद मार्ग से जरा नामक राक्षसी जा रही थी। उससे बच्चे की ऐसी स्थिति देखी न गई और उसने ममता दिखाते हुए बच्चे के आधे शरीर को अपनी मायावी शक्तियों के द्वारा आपस में जोड़ दिया।
राक्षसी का नाम जरा होने के कारण शिशु का नाम जरासंध पड़ गया । युवा होने पर जरासंध ने अपनी प्रजा को बड़ी यातनाएं दी। उसके अत्याचारों से प्रजा को मुक्त करने के लिए भगवान कृष्ण ने भीम को जरासंध से मल्लयुद्ध करने का आदेश दिया। इस युद्ध में भीम ने जरासंध के दो टुकड़े कर दिए।