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हफ्ते में हर दिन सिर्फ ये काम करने से देवी-देवता होते हैं खुश

वैसे बहुत से लोग इस बात को अच्छी तरह जानते हैं कि सप्ताह का हर दिन विभिन्न देवताओं को समर्पित होता है।
और हर एक दिन अलग अलग देवताओं का होता है।सभी दिनों की अलग मान्यता है। कुण्डली में भी इन दिनों की मान्यताएं अलग हैं।अगर दिन के हिसाब से देवी-देवताओं को पूजा जाए तो जीवन के सभी मुश्किलें आसान लगने लगतीं हैं। बात करते है सप्ताह के पहले दिन रविवार की।

दिन

रविवार
रविवार अर्थात भगवान सूर्य का दिन, येदिन भगवान सूर्य और विष्णु का दिन है।इस दिन लोग सूर्यनारायण की आराधना करते हैं, रविवारके दिन सुुूबह स्नान करके सूर्य देव को जल चढ़ाएं जल में गुड़ और लाल रोली डालकर जल चढ़ाएं।इससे सूर्य देव प्रसन्न होते है और कुण्डली मे भी सूर्य मज़बूत होता है।सूर्य अगर मजबूत होता है तो व्यक्ति के पिता से संबंध अच्छे होते है ।साथ ही सरकार से लाभ मिलता है।मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। जिन लोगों को त्वचा से संबंधित कोई रोग होता है उनके लिए रविवार का व्रत रखना लाभकारी है। इस दिन गरीबों को दान भी करना चाहिए।

सोमवार -सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है।यह दिन कुंवारी लड़कियों के लिए बहुत उपयोगी है।अपने मनोनुकूल जीवनसाथी को पाने के लिए वे सोमवार के व्रत रखती हैं। भगवान शिव को प्रसन्न करना बहुत आसान होता है इसलिए वे लोग जिन्हें अपनी किसी इच्छा पूरी होने का इंतजार है, वे सोमवार के दिन व्रत रखते हैं।यह दिन सफेद रंग से प्रेरित होता है।इस दिन शिवलिंग की और अगर संभव हो तो शिव परिवार की पूजाकरें । कुण्डली में चन्द्रदेव सोमवार का प्रतिनिधि करतें है ।
माता की सेवा करने से चन्द्र मजबूत होते है। इस दिन सफेद वस्तुओं का दान बहुत उत्तम होता है।

मंगलवार — मंगलवार का दिन गणेश, हनुमान और काली को समर्पित है। साथ ही मंगल ग्रह का संबंध भी इसी दिन से है। मंगल ग्रह को समस्याओं का जनक माना जाता है इसलिए मंगलवार का व्रत रखकर लोग मंगल ग्रह की कुदृष्टि से बचने की कोशिश करते हैं। परंतु इस दिन विशेषकर लोग रामभक्त हनुमान की ही आराधना करते हैं। इस दिन लाल वस्त्र पहनना शुभ होता है।
कुण्डली में मंगल ग्रह का संबंध भाई – बहन से होता है।भाई बहनों में अनबन हो तो इस दिन गुड़ ज़मीन में दबा दें ।मंगल ग्रह को बलवान
करेन के लिए इस दिन किसी ठाकुर को लाल रंग की ची़ज़े दान कर दें।

 

दिन

बुधवार – भगवान कृष्ण के अवतार विट्ठल और बुध ग्रह को समर्पित है बुधवार का दिन। इस दिन पूजा के दौरान हरी पत्तियां, विशेषकर तुलसी की पत्तियां प्रयोग की जाती है। किसी नए कार्य को शुरु करने के लिए यह दिन बहुत उपयुक्त है। कुछ क्षेत्रों में इस दिन भगवान विष्णु की भी आराधना होती है। ऐसा माना जाता है कि वे लोग जो इस दिन व्रत रखते हैं उनके परिवार में हमेशा सुख-शांति बनी रहती है। साथ ही उनकी बुद्धि में भी विकास होता है।बुधवार के दिन हरे कपड़े पहनना और मूंग दाल का दान करना शुभ माना जाता है।कुण्डली में
बुध ग्रह कमज़ोर हो तो इस दिन किसी हिंजड़े को हरे रंग की चीज़े दान कर दें।और पौधों को रोज़ाना पानी दें।

ब्रहस्पतिवार – बृहस्पतिवार का दिन भगवान विष्णु और उनके अवतारों को समर्पित है, इस दिन दूध, दही, घी से पूजा की जाती है। इस दिन सिर्फ एक ही बार भोजन किया जाता है और वो भी दूध उत्पादों से बना। बृहस्पतिवार का दिन बृहस्पति ग्रह को प्रसन्न करने के लिए एक अच्छा दिन है, इसे सभी ग्रहों का गुरु भी कहा जाता है। यही वजह है कि कुछ स्थानों पर बृहस्पतिवार को गुरुवार भी कहा जाता है।
इस दिन के लिए शुभ रंग पीला है,कुण्डली में गुरू कमज़ोर हो तो पीली चीज़ों का दान करें।जो लोग बृहस्पतिवार का व्रत रखते हैं उन पर बृहस्पतिदेव प्रसन्न होते हैं और उन्हें स्वस्थ और खुशहाल जीवन प्रदान करते हैं।बृहस्पतिदेव विवाह के भी कारक होते हैं।

शुक्रवार – शुक्रवार का दिन महालक्ष्मी, दुर्गा, संतोषी मां और शुक्र ग्रह को समर्पित है। इस दिन लोग मिठाई का दान करते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार लगातार 16 शुक्रवार के दिन व्रत रखना बेहद फायदेमंद साबित होता है। इस दिन लोग सफेद रंग के वस्त्र पहनते हैं। शक्ति और दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए यह दिन बहुत अच्छा होता है।कुण्डली मे शुक्र ग्रह कमज़ोर हो तो किसी सुहागिन स्त्री को सुहाग
की साम्रग्री दान करें ।शुक्र वैवाहिक सुख कारक है ।खासकर पुरूषों के वैवाहिक जीवन का कारण होता है।

शनिवार- शनिवार का व्रत विशेष तौर पर न्याय के देव शनि ग्रह की कुदृष्टि से बचने के लिए रखा जाता है। वे लोग जो हिन्दू ज्योतिष विद्या पर विश्वास रखते हैं केवल वही शनिवार का व्रत रखते हैं। शनि का रंग काला है इसलिए इस दिन काले ,नीले, भूरे वस्त्र पहनना शुभ होता है। काले कपड़ों और काले तिल का दान करना भी बहुत अच्छा माना जाता है। शनिवार के दिन यात्रा करना शुभ नहीं होता इस दिन काले
कपड़े ,जूते और विद्दुत उपकरण खरीदना शुभ नहीं होता ।हनुमान जी की पूजा करने से भी शनिदेव प्रसन्न होते है।

रिपोर्ट – श्वेता त्रिपाठी 

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