आईजीआई पर एयरसाइड क्षमता बढ़ेगी, अधिक उड़ानें संचालित होंगी
नई दिल्ली, 6 मार्च (आईएएनएस)| राष्ट्रीय राजधानी का इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा (आईडीआई) अपनी एयरसाइड क्षमता बढ़ाने के लिए तैयार है, ताकि अधिक से अधिक उड़ानें यहां आ सकें और भीड़भाड़ के वक्त विमानों की उड़ान में विलंब न हो।
भारत हवाईअड्डा प्राधिकरण (एएआई) और ब्रिटेन की कंसल्टेन्सी एनएटीएस के साथ परियोजना के हिस्से के रूप में हवाईअड्डा अपनी उड़ान नियंत्रण क्षमता बढ़ाने के लिए बसंत 2019 से परियोजना शुरू करेगा।
एयरसाइड क्षमता बढ़ाने का यह फैसला 2018 में हवाई यात्रियों की संख्या सात करोड़ के आंकड़े तक पहुंच जाने के परिणामस्वरूप किया गया है। इसके साथ ही यहां से प्रतिदिन 1,300 उड़ानों का परिचालन पहले से ही हो रहा है।
कुल विमानों की गतिविधि प्रतिदिन विमानों के आने और जाने की गणना है।
आईजीआईए का रखरखाव और संचालन करने वाले जीएमआर ग्रुप के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि एयरसाइड क्षमता बसंत 2019 से 2020 की सर्दियों के बीच बढ़ाई जाएगी।
जीएमआर ग्रुप दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा लिमिटेड (डायल) का नेतृत्व करता है।
डायल अधिकारी ने कहा, “एटीसीओ (हवाई यातायात नियंत्रकों) को समग्र प्रशिक्षण मुहैया कराने और प्रक्रियात्मक वृद्धि लागू करने के लिए हम भारत हवाईअड्डा प्राधिकरण और ब्रिटेन की कंसल्टेन्सी एनएटीएस के साथ सहयोग कर रहे हैं, जिससे 2019 के दूसरे भाग और 2020 के पहले भाग में कुछ अतिरिक्त क्षमता का समर्थन मिलना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “इस मील के पत्थर को हासिल करने के अनुरूप सटीक संख्या समय के साथ महसूस किए जाने वाले सुधारों के आधार पर तय की जाएगी।”
जानकारी के मुताबिक, विस्तार योजना की शुरुआत बसंत 2019 से शुरू होगी, जिसके लिए हवाईअड्डा धीरे-धीरे बेहतर तरीके से प्रशिक्षित एटीसीओ को तैनात करेगा और नई एटीसी इमारत से नए एयरसाइड का संचालन करेगा।
एनएटीएस के एक प्रवक्ता ने कहा, “अगस्त से ही डायल, एएआई और एनएटीएस दिल्ली हवाईअड्डे की क्षमता बढ़ाने के लिए कई गतिविधियों पर साथ मिलकर काम कर रहे हैं। कई गतिविधियों पर वे कार्य अच्छी तरह आगे बढ़ रहे हैं, जिससे क्षमता और परिचालन गतिविधि दोनों के स्तर में सुधार होगा।”
उन्होंने कहा, “इन गतिविधियों में हवाई यातायात नियंत्रक प्रशिक्षण से लेकर हवाई यातायात प्रक्रिया में बदलाव, हवाई क्षेत्र और हवाई क्षेत्र की डिजाइन के माध्यम जैसी कई चीजें शामिल हैं।”
योजना के मुताबिक, बेवजह विलंब को कम करते हुए विमानों के प्रति घंटे आगमन और प्रस्थान दर निर्धारित करने के लिए प्रगतिशील मॉडलिंग टूल का उपयोग किया जा रहा है। इससे एटीसीओ के प्रशिक्षण में मदद मिलेगी।
इसके अलावा अतिरिक्त पार्किं ग स्टैंड का निर्माण कार्य जारी है, ताकि भविष्य में यातायात बढ़ने पर उसका नियंत्रण किया जा सके।
एनएटीएस के प्रवक्ता ने कहा, “यह कई परिवर्तनों वाली एक जटिल परियोजना है, जिसमें एएआई की नई एएआई सुविधा शामिल है। हालांकि हमारा प्रति दिन 1,500 उड़ानों का परिचालन करने का लक्ष्य है, जिसका मतलब है कि प्रति घंटे 85 उड़ानें यानी वर्तमान गतिविधि में 15 प्रतिशत की वृद्धि के बराबर।”