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संसदीय समिति को दुरुपयोग रोकने की फेसबुक की क्षमता पर संदेह

नई दिल्ली, 6 मार्च (आईएएनएस)| संसदीय समिति ने बुधवार को आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान फेसबुक का दुरुपयोग रोकने व सक्रियता के साथ सुरक्षा एजेंसियों की मदद करने की इस सोशल मीडिया प्लेटफार्म की क्षमता पर गंभीर चिंता जताई। सूत्रों ने कहा कि फेसबुक ने संसदीय समिति को सूचित किया कि वह एक हाईब्रिड कंपनी है और स्पष्ट उत्तर देने में विफल रही कि भारत में उसकी सामग्री, विज्ञापन व विपणन संचालन पर कौन-सा नियामक ढांचा लागू होता है।

उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया कंपनी ने स्वीकार किया कि वह सामग्री के संतुलन में हमेशा नहीं होती।

फेसबुक के उपाध्यक्ष (ग्लोबल पब्लिक पॉलिसी) जोएल कपलान सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय समिति के समक्ष पेश हुए। उन्होंने समिति को बताया कि सोशल मीडिया कंपनी व उसकी सहायक-व्हाट्सएप व इंस्टाग्राम अपने मंच पर नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए क्या कर रही हैं।

सूत्रों ने कहा कि समिति के सदस्यों ने महसूस किया कि फेसबुक द्वारा की गई अतीत की सभी गलतियों के लिए माफी मांगने के बावजूद सोशल मीडिया मंच अभी उचित रूप से जांच व पारदर्शिता के लिए तैयार नहीं दिखता है।

संसद के स्थायी समिति के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने फेसबुक के कर्मचारियों द्वारा असंवेदनशील ट्वीट व सार्वजनिक टिप्पणियों के संदर्भ में सवाल किए।

सूत्रों के अनुसार, कपलान ने समिति से फेसबुक कर्मचारियों द्वारा आतंकवाद व पुलवामा हमलों पर की गई टिप्पणियों के लिए माफी मांगी।

उन्होंने कहा, “यह नीति निर्माताओं व कंपनियों के लिए सही सवाल है, जिससे अभी कंपनियां जूझ रही हैं। हम सही नियामक ढांचा बनाने में लगे हुए हैं, हमारे पास सभी जवाब नहीं हैं।”

सूत्रों ने कहा कि समिति के सदस्य फेसबुक व इसके कर्मचारियों के निष्पक्ष व्यवहार को लेकर आश्वस्त नहीं थे।

 

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