IANS

आईएलएंडएफएस के निदेशक फिर से संदेह के घेरे में

 मुंबई, 5 मार्च (आईएएनएस)| निजी लाभ के लिए कल्याण निधि से बेइमानी से धन निकालने को लेकर गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) द्वारा आईएलएंडएफएस समूह के दो शीर्ष अधिकारियों पर उंगुली उठाए जाने के बाद एक अंतरिम ऑडिट रपट में ‘संभवत हितों का टकराव’ पाया गया है, क्योंकि समूह के निदेशक ऋणों को अपने खाते में डालने में संलिप्त थे।

  ग्रांट थोर्नटोन की अंतिरम ऑडिट रपट में कंपनी के संचालन में कई अनियमितताओं को रेखांकित किया गया। रपट में पाया गया कि ऐसी कंपनियों को ऋण मुहैया कराया गया, जिनके मौजूदा निदेशक आईएलएंडएफएस समूह की कंपनियों के प्रमोटर थे।

हितों के टकराव के इस तरह के उदाहरण को रेखांकित करने वाली इस रपट में कहा गया है कि बे कैपिटल समूह के प्रमोटर सिद्धार्थ दिनेश मेहता भी आईएलएंडएफएस एनर्जी डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड के वर्तमान निदेशक हैं।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ऐसा प्रतीत होता है कि कर्ज लेने वाले को जिस उद्देश्य के लिए कर्ज दिया गया था, उसने ऋण की आंशिक राशि का भी इस्तेमाल नहीं किया है।

आईएलएंडएफएस में यह घोटाला पिछले साल सामने आया था, जब समूह की कुछ कंपनियां अचानक कंगाल हो गईं और उसने इंफ्रास्ट्रक्चर समूह के पूर्ण पतन के लिए एक गंभीर खतरा पैदा कर दिया।

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