वायु सेना की क्षमता पर सवाल उठाने के लिए मोदी को माफी मांगनी चाहिए : कांग्रेस
नई दिल्ली, 4 मार्च (आईएएनएस)| पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमले में 250 हताहतों के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दावों पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारतीय वायुसेना के राफेल लड़ाकू विमानों की कमी महसूस करने के दावों पर माफी मांगने की मांग की। मोदी के विपक्ष पर राष्ट्रीय सुरक्षा की कीमत पर राजनीति करने के आरोप का जवाब देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता आर.पी.एन. सिंह ने भाजपा पर हवाई हमले का राजनीतिकरण करने व इसका चुनावी लाभ लेने का आरोप लगाया।
गौरतलब है कि भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में किए गए हवाई हमले में आतंकवादियों की संख्या पर आधिकारिक संख्या अभी दी जानी है और एयर चीफ मार्शल बी.एस.धनोआ ने हताहतों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
सिंह ने जानना चाहा कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह हवाई हमले में 250 आतंकवादियों के मारे जाने का दावा किस आधार पर कर रहे हैं।
भारतीय वायुसेना ने 14 फरवरी के पुलवामा आत्मघाती हमले के परिणामस्वरूप 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमला किया था।
14 फरवरी के आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।
सिंह ने यहां मीडिया से कहा, “प्रधानमंत्री ने यह दिखाने की कोशिश की कि वायुसेना राफेल नहीं होने की वजह से कमजोर थी। उन्हें वायुसेना की क्षमता पर सवाल उठाने व सशस्त्र बलों पर राजनीति करने के लिए माफी मांगनी चाहिए।”
सिंह ने कहा, “हम साक्षी रहे हैं कि किस तरह अमित शाह व मोदी सहित भाजपा नेताओं ने पुलवामा हमले पर कई राजनीतिक बयान दिए हैं और फिर भी उन्होंने कांग्रेस पर ऐसा करने का आरोप लगाया। भाजपा नेता (मनोज तिवारी) सेना की वर्दी में घूम रहे हैं, इस तरह मुद्दे का राजनीतिकरण कौन कर रहा है। यह भाजपा है, जो इसका राजनीतिकरण कर रही है।”
आर.पी.एन. सिंह ने हवाई हमले में हताहतों पर शाह के दावों पर सवाल उठाया।
उन्होंने कहा, “कहां से ये आंकड़े आ रहे हैं। एयर चीफ मार्शल ने साफ तौर पर कहा कि हताहतों की गणना करना सरकार का काम है।”
इससे पहले दिन में पंजाब की अमरिंदर सिंह सरकार में कैबिनेट मंत्री व कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने सवाल किया कि क्या यह चुनावी चाल है, जबकि पूर्व केंद्रीय मंत्री पी.चिदंबरम ने कहा कि किसने हताहतों की संख्या 300 से 350 बताई थी।
सिद्धू ने ट्वीट किया, “300 आतंकवादी मारे गए, हां या नहीं? इसका मकसद क्या था? क्या आतंकियों को मारने गए थे या पेड़ उखाड़ने? क्या यह चुनावी चाल थी?”
केंद्रीय मंत्री एसएस अहलूवालिया व कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस.येदियुरप्पा द्वारा वायुसेना के हमले पर की गई टिप्पणी को टैग करते हुए उन्होंने कहा, “सेना का राजनीतिकरण बंद करें।”
अहलूवालिया ने दावा किया था कि पाकिस्तान के बालाकोट में वायुसेना का अभियान एक संदेश देने के लिए था, मारने के लिए नहीं, जबकि येदियुरप्पा ने कहा था कि हवाई हमले से भाजपा को आगामी लोकसभा चुनाव में कर्नाटक में 22 सीटें जीतने में मदद मिलेगी।
चिदंबरम ने श्रंखलाबद्ध ट्वीट में कहा, “वाइस एयर मार्शल ने हताहतों पर टिप्पणी से इनकार किया। विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया कि नागरिक या सेना से कोई हताहत नहीं हुआ है। इसलिए किसने हताहतों की संख्या 300 से 350 बताई।”
चिदंबरम ने कहा, “एक नागरिक के तौर पर मैं अपनी सरकार पर विश्वास करने के लिए तैयार हूं। लेकिन अगर हम चाहते हैं कि दुनिया यकीन करे तो सरकार को प्रयास करने चाहिए, न कि विपक्ष की आलोचना करनी चाहिए।”
वायुसेना का अभियान राजनीतिक दलों में प्रतिस्पर्धा का केंद्र बना हुआ है। मोदी व शाह आतंकवाद रोधी अभियान पर सवाल करने के लिए विपक्ष की आलोचना कर रहे हैं, जबकि विपक्ष ने भाजपा पर राष्ट्रीय सुरक्षा पर राजनीति करने का आरोप लगाया है।