आईएएफ की कार्रवाई पर विपक्ष की टिप्पणी से राष्ट्रहित को नुकसान : जेटली
नई दिल्ली, 3 मार्च (आईएएनएस)| वित्तमंत्री अरुण जेटली ने विपक्ष पर जोरदार हमला करते हुए रविवार को कहा कि भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के बालाकोट में आतंकवाद रोधी अभियान के बाद विपक्षी नेताओं के बयान से न सिर्फ ‘पाकिस्तान को हंसने’ का मौका मिला, बल्कि भारत को बदनाम करने का एक जरिया भी मिला है।
उन्होंने कहा कि इस तरह के बयान नहीं दिए जाने चाहिए थे।
आतंकवाद रोधी अभियान पर विपक्ष का जवाब देते हुए जेटली ने एक फेसबुक पोस्ट लिखा, जिसमें उन्होंने कहा कि विपक्ष को अधिकार है कि वह विरोध करे और सवाल पूछे, लेकिन सार्वजनिक भाषण देने में संयम बरतना भी जरूरी होता है।
जेटली ने लिखा, “मैं उम्मीद करता हूं कि भारत का विपक्ष अपने रुख पर दोबारा विचार करेगा और राष्ट्र को झुकने नहीं देगा।”
कांग्रेस पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि शुरुआत में आईएएफ को समर्थन का दिखावा करने के बाद उन्होंने भारत के राजनीतिक राय में विभाजन पैदा करने की कोशिश की।
मंत्री ने लिखा, “21 विपक्षी पार्टियों की बैठक में प्रधानमंत्री पर पुलवामा व बालाकोट घटनाओं का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाते हुए एक प्रस्ताव पास किया गया। सरकार ने दो बार विपक्षी नेताओं को विश्वास में लिया। राजनीतिकरण करने के कोई साक्ष्य नहीं दिए गए।”
उन्होंने टिप्पणी की, “बयान अनुचित था। इससे शत्रु को मौका दिया गया। पाकिस्तान की मीडिया ने 21 विपक्षी पार्टियों के बयान को ट्रंप कार्ड के तौर पर इस्तेमाल किया। इससे पाकिस्तान की स्थिति को समर्थन मिला कि भारत ने बालाकोट की कार्रवाई घरेलू राजनीति के दबाव में की है और इसका आतंकवाद के खिलाफ देश का बचाव करने के तौर पर इस्तेमाल किया गया।”
जेटली ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक कदम और आगे बढ़ गईं और घटना को लेकर संदेह उठाना शुरू कर दिया। वह अभियान का विस्तृत ब्यौरा चाहती थीं।
उन्होंने कहा, “सरकार व हमारी वायुसेना की विश्वसनीयता पर संदेह जाताया जा रहा है। यहां तक कि कांग्रेस के नेताओं ने इसी तरह के सवाल उठाए।”
उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा आपत्तिजनक बयान पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का था।
उन्होंने बयान दिया कि दोनों देश आपसी आत्म विनाश की पागल दौड़ में शामिल हो गए हैं, जिससे वह सबसे अधिक परेशान हैं। उनके मुताबिक, आतंकवाद पैदा करने वाले और इसके पीड़ित दोनों बराबर हैं।
भाजपा नेता ने कहा, “मनमोहन सिंह ने अपने भाषण में संप्रभुता की रक्षा के भारत के अधिकार पर संदेह जताया। उन्होंने अपने बयान में गरीबी, अज्ञानता और बीमारी का जिक्र किया, लेकिन हिंसा और आतंकवाद उनके बयान का हिस्सा नहीं थे।”
उन्होंने कहा, “इन बयानों से देश हित को नुकसान पहुंचता है। इन उपरोक्त तीनों बयान को दिए जाने की जरूरत नहीं थी। क्या विपक्ष चाहता है कि आईएएफ बालाकोट हमले के विवरण जारी कर दे।”