छग : बस्तर टाइगर कर्मा के पुत्र बनेंगे डिप्टी कलेक्टर
रायपुर, 2 मार्च (आईएएनएस/वीएनएस)। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनते ही प्रदेश में डेढ़ दशक से उपेक्षा में रहे कांग्रेसी परिवारों को अब राहत मिलने लगी है। नई सरकार ने सबसे पहले झीरम हमले की जांच के लिए एसआईटी गठित करने का निर्णय लिया। इससे शहीदों के परिजनों में आरोपियों पर कार्रवाई के लिए आशा की एक नई किरण जगी और अब सरकार ने ‘बस्तर टाइगर’ के नाम से विख्यात शहीद महेंद्र कर्मा के पुत्र को डिप्टी कलेक्टर की नौकरी देने का निर्णय लिया है।
डिप्टी कलेक्टर की नौकरी पाने वाले आशीष कर्मा झीरम हमले में शहीद हुए महेंद्र कर्मा के तीसरे बैटे हैं।
कैबिनेट की बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि बैठक में किसानों के और वनवासियों के मुद्दे पर चचार्एं हुईं। राज्य सरकार के पास महेंद्र कर्मा के बेटे को अनुकंपा नियुक्ति देने का प्रस्ताव आया था। राज्य सरकार ने उन्हें डिप्टी कलेक्टर बनाने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है।
नक्सलियों ने महेंद्र कर्मा की हत्या झीरम हमले में 25 मई, 2013 को की थी। महेंद्र कर्मा की हत्या के बाद उनकी पत्नी देवती कर्मा दंतेवाड़ा से चुनाव जीती थीं। नक्सली अक्सर सरकार के खिलाफ बंदूक उठाते हैं, लेकिन भाजपा की रमन सरकार के रहते विपक्षी पार्टी के काफिले पर कैसे और क्यों हमला किया, यह आज भी रहस्य बना हुआ है।
कहा जाता है कि विपक्षी पार्टी के सभी बड़े नेताओं को एक साथ खत्म कर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को हिंसक तरीके से खत्म कर देने की यह साजिश ऊंचे स्तर पर रची गई थी। लेकिन कांग्रेस फिर भी खत्म नहीं हुई, आज वह फिर से सत्ता में हैं और लगातार 15 साल राज करनेवाले लोग आराम करने को बाध्य हैं।