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बालाकोट हमले के बाद गांधी शांति पुरस्कार समारोह में शामिल हुए मोदी

 नई दिल्ली, 26 फरवरी (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित गांधी शांति पुरस्कार समारोह में शामिल हुए।

  मोदी नियंत्रण रेखा (एलोसी) पार जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के आतंकी शिविरों पर भारतीय वायुसेना के हमले और फिर केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा समिति (सीसीएस) की बैठक की अध्यक्षता करने के फौरन बाद इस समारोह में शरीक हुए। मोदी ने अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा समिति की बैठक के चलते देर से पहुंचने के लिए माफी मांगी।

मोदी ने कहा, “मैं देर से आने के लिए माफी मांगता हूं, मैं एक दूसरी बैठक में व्यस्त था..यह साल महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह महात्मा गांधी की 150वीं जयंती वाला वर्ष है।”

मोदी ने पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए कहा, “यह पुरस्कार उन लोगों को दिया जाता है, जो उनके (गांधी के) जीवन मूल्यों को बढ़ावा देने में अपना योगदान देते हैं और जिसके लिए उन्होंने लगातार समाज को प्रेरित करने की कोशिश की।”

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 2015 के लिए संयुक्त रूप से अक्षय पात्र फाउंडेशन के साथ ही विवेकानंद केंद्र (कन्याकुमारी) को गांधी शांति पुरस्कार प्रदान किया। 2016 के लिए सुलभ इंटरनेशनल को, 2017 के लिए एकल अभियान ट्रस्ट और 2018 के लिए योही सासाकावा को यह पुरस्कार प्रदान किया गया।

इन्हें गरीबों को खिलाने और शिक्षित करने, स्वच्छता को प्रोत्साहित करने और कुष्ठ उन्मूलन के लिए इनके द्वारा किए गए कार्यों के लिए सम्मानित किया गया।

कोविंद ने अपने संबोधन में कहा, “अमेरिका के मार्टिन लूथर किंग जूनियर से लेकर दक्षिण अफ्रीका के नेल्सन मंडेला और पोलैंड के लेक वाल्सा तक.. कई प्रमुख नेताओं ने गांधीजी से सीखा और उनके आदर्शो को अपनाया।”

उन्होंने कहा, “गांधीजी और उनके विचार समकालीन मानव इतिहास की कोई भी समझ रखने और अत्याचार व असमानता का प्रतिकार करने के लिए अमूल्य हैं।”

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