‘राष्ट्रीय समान अधिकार रैली’ को पुनर्जागरण क्रांति का आगाज बताया
पटना, 25 फरवरी (आईएएनएस)| राष्ट्रीय समान अधिकार यात्रा संघर्ष समिति के संयोजक रविन्द्र कुमार सिंह ने सोमवार को दावा किया कि पटना के एतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित ‘राष्ट्रीय समान अधिकार महारैली’ जैसी रैली आज तक कभी नहीं हुई।
उन्होंने इस महारैली को पुनर्जागरण क्रांति का आगाज करार दिया। उन्होंने यहां कहा कि इस रैली का मूल उद्देश्य संपूर्ण भारतवर्ष को एक सूत्र में बांधने का है।
रैली को संबोधित करते हुए रविन्द्र ने कहा कि यह लड़ाई संविधान में दिए गए समानता के अधिकार की है, जिसको हम पूरी तरह से देश में लागू करने की मांग करते हैं।
उन्होंने अपील करते हुए कह कि जिस परिकल्पना के तहत यह अधिकार हमें संविधान देता है, उसको उसी के अनुसार लागू करवाने के लिए हम संकल्प लें। हमें इसी दिशा में जात-पात, धर्म-संप्रदाय से उपर उठकर भारत और बिहार के निर्माण में लगना होगा।
उन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और विभिन्न राजनीतिक दलों से धार्मिक तुष्टिकरण की राजनीति बंद करने और संविधान में दिए गए मौलिक अधिकार के तहत समानता का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, समान नागरिकता, समान कानून के अधिकार को लागू करने की मांग की।
देश में सवर्णों के खिलाफ नफरत की राजनीति का आरोप लगाते हुए सिंह ने कहा कि सवर्ण समाज ने हमेशा समाज को साथ लेकर चलने का काम किया है।
उन्होंने बाबा साहब डॉ. भीम राव आंबेडकर को उच्च विचारों वाले महान व्यक्ति बताते हुए कहा कि उन्होंने वंचित समाज के अपने लोगों को उपर उठाने के लिए सांसद और विधायक बनाने की बात कही, जिससे समाजिक उत्थान हो सके।
उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं, देश के पिछड़े तबके के लोगों को दूसरा आरक्षण भी सवर्णों ने ही दिया, जब पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने मंडल आयोग दिया।
उन्होंने कहा, “सवर्ण ने हमेशा समाज के लिए त्याग किया है। आज लोगों को समझना होगा कि सवर्ण समाज कोई जाति नहीं बल्कि कर्म है। सवर्ण पूरे समाज न्याय देने का काम करता है। यही वजह है कि आजादी के 72 साल बाद भी सामाजिक न्याय के नाम पर कुछ लोगों द्वारा समाज को बांटा और लूटा जा रहा है। एक साजिश के तहत सवर्णों के खिलाफ आरक्षण की पृष्ठभूमि भी तैयार की गई है।”
इस मौके पर रविन्द्र कुमार सिंह ने ‘पुनर्जागरण क्रांति’ पुस्तिका का लोकार्पण भी किया।