कानपुर : राष्ट्रपति ने डीएवी कॉलेज में वाजपेयी की प्रतिमा का अनावरण किया
कानपुर, 25 फरवरी (आईएएनएस)| राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को कानपुर के डीएवी कॉलेज में भारत रत्न व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा का अनावरण किया।
कोविंद ने समारोह में सबसे पहले पुलवामा आत्मघाती हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, “जवानों की शहादत को नमन करता हूं। पूरा देश शहीदों के परिजनों के साथ है।”
उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थाएं ही भारत को बदलने में अहम भूमिका अदा कर सकती हैं।
राष्ट्रपति ने कहा, “अब तकनीक का समय है। आने वाला समय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का होगा। भारत को इन्हीं क्षेत्रों में खुद को विकसित करने की आवश्यकता है। सिर्फ शिक्षण संस्थाएं ही गरीबी, अराजकता, नस्लवाद व आतंकवाद रहित भारत दे सकती हैं।”
उन्होंने कहा कि स्वामी दयानन्द सरस्वती जी ने 1874 में भारत में समाज सुधार के लिए आर्यसमाज की स्थापना की थी। स्वामी दयानन्द सरस्वती के आदर्श का समाज बनाने के लिए ही डीएवी कालेजों की स्थापना हुई। इस गौरवशाली अवसर पर आयोजित समारोह में शामिल होकर मैं प्रसन्न हूं।
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि डीएवी कालेज में शिक्षा प्राप्त पूर्व शिक्षकों एवं पूर्व विद्यार्थियों की सूची बहुत लंबी है। उनमें से कुछ नामों से ही पूरी परंपरा की झलक मिल जाती है। मुंशी राम शर्मा सोम उन्ही में से एक हैं। चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, शालिग्राम शुक्ल और शिव वर्मा जैसे स्वाधीनता सेनानियों को इस कॉलेज के शिक्षकों का सहयोग मिला था।
समारोह में राष्ट्रपति ने कर्नल हरविंदर सिंह को ‘वीरेंद्र स्वरूप स्वर्ण पदक’, दीपक कुमार को ‘जगेंद्र स्वरूप स्वर्ण पदक’, मारिया जबीन को ‘धारा रानी स्वर्ण पदक’, प्रताप सिंह को ‘वीरेंद्र स्वरूप स्वर्ण पदक’, मोहम्मद उमर हयात को ‘धारा रानी रजत पदक’, तन्मय श्रीवास्तव को ‘जगेंद्र स्वरूप रजत पदक’ समेत कई छात्रों को सम्मानित किया।
इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने महाराजपुर स्थित विपश्यना केंद्र के साधना भवन का लोकार्पण किया। इस दौरान उन्होंने कहा था कि विपश्यना आत्मनिरीक्षण द्वारा आत्मशुद्धि की अत्यंत पुरातन साधना-विधि है। जो जैसा है, उसे ठीक वैसा ही देखना-समझना विपश्यना है।
इसके बाद राष्ट्रपति बालाजी मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने भारत माता की प्रतिमा का अनावरण किया। इसके बाद बालाजी मंदिर में दर्शन पूजन किया। यहां पर वह 25 मिनट तक रुके।
इस दौरान उनके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, सांसद मुरली मनोहर जोशी और औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना भी मौजूद रहे।