सेबी ने मोतीलाल ओसवाल, आईआईएफएल के कमोडिटी ट्रेडिंग पर लगाई रोक
मुंबई, 23 फरवरी (आईएएनएस)| बाजार विनियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कमोडिटी ब्रोकिंग फर्म मोतीलाल ओसवाल और इंडिया इन्फोलाइन (आईआईएफएल) को एनएसईएल मामले में अयोग्य करार दिया है। सेबी ने कहा कि ये फर्म एनएसईएल मामले में की गई कार्रवाई के हिस्से के रूप में फिट व सही नहीं है।
नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) की सांठगांठ से नियमों का उल्लंघन कर निवेशकों को चूना लगाने को लेकर सेबी करीब 300 ब्रोकर की जांच कर रही है। दरअसल, विनियामक ने प्राथमिकी (एफआईआर) में ब्रोकरेज फर्मो को नामित किया है।
एनएसईएल ने ट्रेड के लिए पर्याप्त आधारभूत स्टॉक नहीं बनाए रखा जबकि ब्रोकर्स ने आकर्षक अनुबंध निवेशकों को बेच दिया। इसी कारण चूक हुई और इसके फलस्वरूप 2013 में एक्सचेंज ने 5,600 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया।
प्राधिकृत अधिकारियों ने सेबी को सुपुर्द रिपोर्ट में कहा, “मामले की गंभीरता, तथ्य और परिस्थितियों को देखते हुए संबंधित ब्रोकर के कमोडिटी ब्रोकर के रूप में संचालन पर सवाल है और इसने निश्चित तौर पर अपनी ख्याति, सच्चाई के रिकॉर्ड, ईमानदारी और निष्ठा घटाई है। इसने प्रतिभूति बाजार में मध्यस्थ होने के लिए योग्य व सही व्यक्ति के रूप में अपने दर्जे को प्रभावित किया है।”
सेबी ने 22 फरवरी को अपनी वेबसाइट पर अपलोड किए गए आदेश में कहा कि ब्रोकरों को एनएसईएल के साथ घनिष्ठता थी और इन्होंने खुद को चैनल बनाया था।
आदेश में कहा गया कि इस प्रकार ब्रोकर एक कमोडिटी डेरिवेटिव्स ब्रोकर के रूप में कार्य करने के लिए योग्य व सही व्यक्ति नहीं है।