‘जेईएम मुख्यालय’ का नियंत्रण लेने वाली खबर मनगढ़ंत : पाकिस्तानी मंत्री
इस्लामाबाद, 23 फरवरी (आईएएनएस)| पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने शनिवार को उन भारतीय मीडिया रिपोर्ट को ‘मनगढ़ंत’ करार दिया, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के मुख्यालय का प्रशासनिक नियंत्रण पाकिस्तान सरकार द्वारा अपने हाथ में लिए जाने की बात कही जा रही है। मंत्री ने दावा किया कि वह केंद्र एक मदरसा है, जहां छात्र शिक्षा ग्रहण करते हैं और सरकार के कदम का कश्मीर आत्मघाती हमले से कोई लेना-देना नहीं है।
पाकिस्तान के गृह मंत्रालय की शुक्रवार को घोषणा के बाद चौधरी की यह टिप्पणी आई है। मंत्रालय ने कहा था कि पंजाब प्रांत की सरकार ने बहावलपुर क्षेत्र में एक मस्जिद व मदरसा परिसर का प्रशासनिक नियंत्रण ले लिया है। इस परिसर को मसूद अजहर का जेईएम मुख्यालय माना जाता रहा है।
आतंकी समूह ने दावा किया है कि 14 फरवरी को पुलवामा आतंकी हमला उसी ने किया था। इसके बाद नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच तनाव बढ़ गया है। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे।
पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने कहा था, “पंजाब सरकार ने बहावलपुर में मदरसातुल साबिर और जामा-ए-मस्जिद सुभानल्लाह वाले एक परिसर का नियंत्रण ले लिया है, जो कथित रूप से जेईएम का मुख्यालय है। सरकार ने उसके मामलों के प्रबंधन के लिए एक प्रशासक भी नियुक्त किया है।”
लेकिन, चौधरी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो संदेश में कहा कि पंजाब की प्रांतीय सरकार ने नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल (एनएससी) बैठक के दौरान और नेशनल एक्शन प्लान (एनएपी) के हिस्से के रूप में बहावलपुर में मदरसातुल साबिर और जामा-ए-मस्जिद सुभानल्लाह का प्रशासनिक नियंत्रण लिया है।
उन्होंने कहा, “कल (शुक्रवार) एनएससी बैठक के दौरान यह तय किया गया कि एनएपी को पूर्ण रूप से लागू किया जाएगा। इस संबंध में कल कुछ कदम उठाए गए थे और आज (शनिवार) पंजाब सरकार ने बहावलपुर में एक मदरसे का प्रशासनिक नियंत्रण ले लिया।”
चौधरी ने कहा, “यह वह मदरसा है, जिस पर भारत प्रोपागेंडा चल रहा है और आरोप लगा रहा है कि यह जेईएम का मुख्यालय है। कल (रविवार) पंजाब सरकार मीडिया कर्मियों को मदरसे की यात्रा कराएगी और सभी को दिखाएगी कि यह कैसे काम करता है व सभी को सच्चाई दिखाएगी।”
जियो न्यूज ने चौधरी के हवाले से कहा, “मदरसे में करीब 700 छात्र पढ़ते हैं। इस कदम (प्रशासनिक नियंत्रण लेने) का कश्मीर में हमले से कोई लेना-देना नहीं है।”
उन्होंने कहा, “एनएपी हमारा अपना सुरक्षा दस्तावेज है, जिसपर सभी राजनीतिक दलों की सहमति है और हम इसे लागू कर रहे हैं।”