IANS

सरकार सेल के तीन संयंत्रों की बिक्री करेगी

नई दिल्ली, 19 फरवरी (आईएएनएस)| सरकार ने स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लि. (सेल) की तीन विशेष इस्पात उत्पादक इकाइयों में अपनी 100 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री को मंजूरी देकर चालू वित्त वर्ष में अपनी रणनीतिक विनिवेश योजना का काम आगे बढ़ाने का फैसला किया है। इन इकाइयों में सेलम स्टील और अलॉय स्टील शामिल हैं।

सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने बिक्री के लिए अपनी मंजूरी दे दी है और निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (डीआईपीएएम) अब सौदे को जल्दी से पूरा करने के लिए लेन-देन सलाहकारों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करेगी।

रणनीतिक विनिवेश के लिए पहचानी जाने वाली सेल की तीन इकाइयों में विश्वेश्वरैया आयरन एंड स्टील प्लांट, भद्रावती, कर्नाटक, सेलम स्टील प्लांट, तमिलनाडु और अलॉय स्टील प्लांट, दुर्गापर, पश्चिम बंगाल शामिल हैं।

स्टील दिग्गज की ये सभी इकाइयां लगातार घाटे में चल रही हैं और इन्हें निजी क्षेत्र को बेचना ही सबसे अच्छा विकल्प माना गया है।

इन यूनिट्स की बिक्री के लिए रणनीतिक खरीदारों की पहचान के लिए दो चरणों की निविदा प्रक्रिया अपनाई जाएगी। सूत्रों का कहना है कि स्टील बाजार में फिर तेजी आनेवाली है और इन यूनिट्स को बेचने पर अच्छी कीमत मिलेगी।

जेएसडब्ल्यू स्टील, वेदांत, टाटा स्टील, आर्सेलरमित्तल जैसी कंपनियां नई परिसंपत्तियों की खोज में हैं।

हालांकि, इनकी बिक्री से सरकार को कितनी राशि प्राप्त होगी, इसका तुरंत अंदाजा नहीं लगाया गया है।

सेल ने विश्वेश्वरैया आयरन एंड स्टील लि., भद्रावती का 1997 में अधिग्रहण किया था, जिसमें एलॉय स्टील और पिग आयरन का उत्पादन किया जाता है। इसे मैसूर आयरन वर्क्‍स के नाम से 1923 में कृष्णराज वोडेयार के दीवान और मैसूर के तत्कालीन शासक एम. विश्वेश्वरैया ने शुरू किया था।

सेल की सेलम स्टील भी एक पुरानी इकाई है, जहां उच्च ग्रेड के स्टेनलेस स्टील का उत्पादन किया है, जिसके नाम के पहले ब्रांडेड बर्तन भी मिलते थे।

सरकार सेल की इकाइयों का सौदा जल्द से जल्द पूरा करना चाहती है, ताकि वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 80,000 करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य को जल्द से जल्द पूरा किया जा सके। अब तक सरकार ने विनिवेश की प्रक्रिया से 50,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं।

 

Show More

Related Articles

Back to top button
Close
Close