पीएमएसवाईएम के तहत मिल सकता है 8 फीसदी ब्याज
नई दिल्ली, 13 फरवरी (आईएएनएस)| पीएमएसवाईएम (प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन) पेंशन योजना की शुरुआत 15 फरवरी से हो रही है, जिसकी ब्याज दर करीब 8 फीसदी हो सकती है। यह पेंशन योजना असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए है, जिसकी ब्याज दर को संगठित क्षेत्र के पेंशन फंड के ब्याज 8.55 फीसदी के करीब रखा जाएगा।
बीमा नियामक आईआरडीएआई ने हालांकि अभी तक इसके परिचालन के पहले साल के ब्याज दर की घोषणा नहीं की है। यह योजना लाइफ कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एलआईसी) द्वारा चलाई जाएगी।
इसी प्रकार की दूसरी पेंशन योजना, अटल पेंशन योजना (एपीवाई) की ब्याज दर करीब 7.5 फीसदी है। लेकिन, पीएमएसवाईएम को अधिक आकर्षक बनाने के लिए इसके ब्याज दर को संगठित क्षेत्र के पेंशन फंड की दर के आसपास रखा जाएगा। सरकार के एक सूत्र ने यह जानकारी दी और साथ ही कहा कि आईआरडीएआई ही इस दर को तय करेगा।
अधिकारी ने बताया कि अगर इसकी ब्याज दर उच्च होती है तो लोग इस योजना की तरफ आकर्षित होंगे क्योंकि वे देखेंगे कि सरकार भी इसमें बराबर का योगदान कर रही है और ब्याज दर भी अधिक है। उन्होंने कहा कि गरीबों को इस योजना के फायदों के बारे में अच्छी तरह से जानकारी देनी होगी, नहीं तो इस योजना का हश्र भी एपीवाई की तरह होगा। उन्होंने कहा कि यहां इसमें एलआईसी की बड़ी भूमिका होगी। अधिकारियों का कहना है कि इस योजना पहले साल में कितनी सफल होती है, इस पर ध्यान दिया जाएगा और उसी हिसाब से आगे इसमें सुधार किया जाएगा।
जहां तक फायदे का सवाल है तो पीएमएसवाईएम, अटल पेंशन योजना का बेहतर संस्करण है, जिसे 2015 में लांच किया गया था। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, अटल पेंशन योजना के 1.05 करोड़ ग्राहक हैं, जबकि इसका 2015 के अंत तक लक्ष्य 2 करोड़ ग्राहक जोड़ने का रखा गया था। वहीं, 2011 की जनगणना के मुताबिक देश के असंगठित क्षेत्र में 42 करोड़ लोग काम करते हैं।
पीएमएसवाईएम में कोई व्यक्ति 60 साल की उम्र तक निश्चित मासिक रकम योगदान करेगा और उतनी रकम उसकी तरफ से सरकार इस योजना में लगाएगी और 60 साल बाद उस व्यक्ति को जीवन पर्यन्त 3,000 रुपये की मासिक पेंशन मिलेगी।
इस योजना को ईपीएफ योजना की तरह ही बनाया गया है, जो कि संगठित क्षेत्र के लिए है। इसमें कर्मचारी अपने मूल वेतन का 12 फीसदी योगदान करता है तथा उतनी ही रकम उसके नियोक्ता के तरफ से ईपीएफ में जमा की जाती है।
पीएमएसवाईएम में 40 से अधिक के उम्र के व्यक्ति भाग नहीं ले सकते हैं।
इस योजना की घोषणा अंतरिम बजट में की गई थी, जो अंसगठित क्षेत्र के 15,000 रुपये प्रति माह कमाने वाले कामगारों के लिए है ताकि 60 साल की उम्र के बाद वे 3,000 रुपये की मासिक पेंशन प्राप्त कर सकें। इस योजना में 18 से 40 साल तक के कामगार शामिल हो सकते हैं। सरकार का लक्ष्य इस योजना से असंगठित क्षेत्र के 10 करोड़ कामगारों को जोड़ना है। मासिक योगदान की रकम उम्र के आधार पर तय होगी और उसमें 60 साल की उम्र तक योगदान करना होगा।