लोकसभा चुनाव में अगर हार गई MODI सरकार, तो कौन पूरा करेगा अंतरिम बजट के फैसले, जानिए
देश का पहला अंतरिम बजट वर्ष 1962-63 में मोरारजी देसाई सरकार में पेश किया गया था। उसके बाद लगभग 12 … अंतरिम बजट पेश किए जा चुके हैं। लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने बजट में कई अहम घोषणाएं की हैं। लेकिन क्या आपने सोचा कि इस चुनाव में अगर मोदी सरकार नहीं बन पाती है, तो इन घोषणाओं को कौन पूरा करेगा।
केंद्र सरकार के कार्यकाल में कुछ समय ही बाकी बचा है। पेश करने तक का खर्च वहन करने के लिए सरकार को संसद से पर्मीशन लेनी पड़ती है। बजट में की गई बड़ी घोषणाएं सरकारी फैसले नहीं होते हैं।
अगर कोई सरकार अपने कार्यकाल में वित्तीय फैसले लेती है, तो यह कदम आने वाली सरकार पर वो नहीं थोप सकती है। अंतरिम बजट नाम का कोई शब्द संविधान में नहीं है, इसलिए यह बस राजनीतिक कार्यप्रणाली का अंग माना गया है।
ऐसे में अगर लोकसभा चुनाव के बाद नई सरकार बनती है, तो उसे ही पूरा बजट पेश करना होगा और उसी के पास यह अधिकार होगा कि वो कौन कौन सी घोषणा लागू करे या नहीं।