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पीएम मोदी का एक और कमाल, दी विदेशी छात्रों को शिक्षा, कहा- ‘खिलौनों के टूटने से बचपन नहीं मरा करता”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पूर्व रक्षा मंत्री जार्ज फर्नांडेस को श्रद्धांजलि देकर परीक्षा पर चर्चा शुरू की। इस चर्चा मे छात्रों व उनके अभिभावकों के साथ देश-विदेश से कई शिक्षकों ने भी हिस्सा लिया। मोदी ने कार्यक्रम के शुरुआत मे कहा “इस कार्यक्रम का उद्देश्य किसी को उपदेश देना नहीं है। वह खुद को आम जनता के सामान ही मानते है।”
नरेंद्र मोदी ने कई छात्रों के सवालों का जवाब देते हुए उन्हें और उनके अभिभावकों को समझाया “जीवन का मतलब सिर्फ परीक्षा ही नहीं है, जीवन इससे कहीं ऊपर है। एक परीक्षा खत्म होने से ज़िन्दगी ख़त्म नहीं होती। गुजरात की एक कहावत सुनाते हुए मोदीजी ने कहा, “लक्ष्य ऐसा होना चाहिए जो पहुँच मे तो हो पर पकड़ मे नहीं।” साथ ही प्रधानमन्त्री ने तकनीक के विस्तार व ऑनलाइन गेम्स के बारे मे भी बात की।

प्रधानमन्त्री ने कहा की “अपेक्षाएं अच्छी व आवश्यक होती है “। अपेक्षाएं न हो तो ज़िंदगी ठहर जाती है । परीक्षा में असफलता का सामना करने वालों को संदेश देते हुए प्रधानमंत्री ने कुछ कविता की पंक्तियां कहीं ‘खिलौनों के टूटने से बचपन नहीं मरा करता है।”

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