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‘2000 करोड़ का पेमेंट नहीं मिला तो रोक देंगे रक्षा परियोजनाओं का काम’

नई दिल्ली, 27 जनवरी (आईएएनएस)| सशस्त्र सेनाओं के सिविल कंस्ट्रक्शन वर्क के लिए अपनी सेवाएं देने और इन परियोजनाओं को अमल में लाने वाले 7500 सदस्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले मिल्रिटी इंजीनियरिंग सर्विसेज (एमईएस) व बिल्डर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (बीएआई) ने एक बार फिर करोड़ों के बकाये का भुगतान न होने का मुद्दा उठाया है।

बीएआई ने चेतावनी दी है कि अगर ठेकेदारों का पेमेंट जल्द न किया गया तो काम रोकना मजबूरी हो जाएगी। ठेकेदारों का कहना है कि 1600 करोड़ की देनदारियों के लिए रक्षा मंत्रालय की ओर से पिछले साल दिवाली के बाद केवल 250 करोड़ रुपये का फंड रिलीज किया गया। इससे मौजूदा समय में ठेकेदारों की केंद्र सरकार पर बकाया राशि करीब 1600 करोड़ से बढ़कर लगभग 2000 करोड़ तक पहुंच गई है।

एमईएस बीएआई के अध्यक्ष परवीन महाना ने कहा, “सरकार की ओर से अगर 2000 करोड़ की राशि जल्द ही रिलीज नहीं होती और ठेकेदारों का भुगतान नहीं किया जाता तो सशस्त्र सेना की सभी शाखाओं के लिए हम सभी मौजूदा निर्माण परियोजनाओं का काम समेत रखरखाव और संचालन का काम रोकने के लिए मजबूर हो जाएंगे।”

उन्होंने कहा, “अगर ठेकेदारों को जल्द पेमेंट न किया गया तो कंट्रक्शन साइट पर काम कर रहे कर्मचारी और इसकी वजह से सशस्त्र सेनाओं के लिए बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण का काम बुरी तरह प्रभावित होगा।”

एसोसिएशन ने रक्षा मंत्रालय से कॉन्ट्रैक्टर्स के करोड़ों रुपये के बकाये का भुगतान जल्द करने की मांग की है। उसका कहना है कि ठेकेदारों को उस काम का भुगतान अभी तक नहीं मिला है, जो वह पिछले साल कर चुके हैं।

एमईएस बीएआई के सदस्य सशस्त्र सेना की सभी तीन अंगों नौसेना, थल सेना और वायु सेना की मूल आधारभूत जरूरतों की पूर्ति करते हैं। यह इन परियोजनाओं के संचालन या रखरखाव का भी जिम्मा संभालते हैं। यह सिर्फ सशस्त्र सेनाओं के लिए इमारतों का ही निर्माण नहीं करते, बल्कि उनके लिए रन वे भी बनाते हैं।

 

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