बड़ा फैसला : सुप्रीम कोर्ट ने 10 % सवर्ण आरक्षण बिल को दिखाई हरी झंडी, नहीं लगेगी रोक
मोदी सरकार ने गरीब सवर्णों को दस फीसदी आरक्षण देने के संसद के दोनों सदनों से बिल पास कराया। इसके बाद इस फैसले को असंवैधानिक बता कर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में इसकी सुनवाई हुई, जिसमें चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और संजीव खन्ना ने इस पर रोक लगाने से इंकार कर दिया।
Supreme Court also refuses to stay implementation of 10 per cent reservation to the economically weaker section of general category. A bench of CJI Ranjan Gogoi says “we will examine the issue.” https://t.co/nLEnpg2CyG
— ANI (@ANI) January 25, 2019
हालांकि सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वो याचिकाकर्ता की अर्जी पर सुनवाई करेगी। इसके संबंध में अदालत ने केंद्र सरकार से चार हफ्ते में जवाब मांगा है। शुक्रवार को 10 फीसदी आरक्षण के साथ ही यूथ फॉर इक्विलटी समेत अन्य याचिकाओं पर भी सुनवाई की गई।
बता दें कि याचिका में कहा गया है “ये संशोधन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ है और आर्थिक आधार पर आरक्षण नही दिया जा सकता। इस विधेयक से संविधान के बुनियादी ढांचे का उल्लंघन होता है, क्योंकि सिर्फ सामान्य वर्ग तक ही आर्थिक आधार पर आरक्षण सीमित नहीं किया जा सकता है और 50 फीसदी आरक्षण की सीमा लांघी नहीं जा सकती।”
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने अपने पूर्व के सभी फैसलों में कहा था कि आर्थिक आधार पर आरक्षण दिया जाना समानता के मूल अधिकार का उल्लंघन है।