भावांतर योजना में सुधार होगा : मप्र के मंत्री
भोपाल, 22 जनवरी (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री सचिन यादव को भावांतर योजना बंद करने के ऐलान के कुछ ही घंटों बाद यू-टर्न लेना पड़ा है।
उन्होंने कहा कि योजना बंद नहीं होगी, बल्कि इसमें बदलाव लाया जाएगा। कृषि मंत्री यादव ने मंगलवार की सुबह भावांतर योजना को बंद करने का ऐलान किया था। मंत्री के इस फैसले के खिलाफ विरोध के स्वर उठने पर यादव ने ट्वीट कर यूटर्न लिए जाने की जानकारी दी।
उन्होंने कहा, “बीजेपी सरकार के द्वारा भावांतर भुगतान योजना जिस स्वरूप में लाई गई थी, उससे किसानों को लाभ नहीं मिला। हमारी सरकार इस योजना की समीक्षा कर गाइडलाइंस में बदलाव ला रही है, जिससे किसानों को उनकी उपज का ज्यादा लाभ मिल सके।”
यादव ने यहां संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि भावांतर योजना से किसानों को नुकसान हो रहा था। किसानों की राय आने के बाद इस योजना को बंद किया जा रहा है।
यादव ने कहा, “जब प्रदेश के किसानों से हमने बात की तो यह बात साबित हो गई कि भावांतर भुगतान योजना से किसानों को नुकसान हो रहा था, इसीलिए हम इसे बंद करने जा रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा, मप्र में तीन ‘क’ की सरकार है। ‘क’ से किसान, ‘क’ से कांग्रेस और ‘क’ से कमलनाथ। इस सरकार के केंद्र बिदु में किसान है। वहीं योजनाओं में शिवराज सरकार का केंद्रबिंदु किसान नहीं था।
कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य में उपज के दाम अचानक गिरा दिए जाते थे, जिससे किसानों को लाभ नहीं होता था, बल्कि दूसरे लोग इसका लाभ उठा लेते थे।
कृषि मंत्री के बयान के बाद चौहान ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि ‘अन्नदाता के पुरुषार्थ से ही देश-प्रदेश के अन्न के भंडार भरे हैं। इनके परिश्रम और पसीने की पूरी कीमत इन्हें न मिले, तो यह उनके साथ घोर अन्याय है। मेरा मानना है कि भावांतर भुगतान योजना के बंद होने से किसान को बड़ा नुकसान होगा।’
ज्ञात हो कि पूर्ववर्ती शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने किसानों को फसल का उचित दाम दिलाने के लिए भावांतर योजना अमल में लाई थी, तत्कालीन सरकार का दावा था कि उपज का दाम गिरने के बाद का दाम और समर्थन मूल्य के बीच के अंतर का भुगतान किसानों को सरकार द्वारा किया जाएगा।