गणतंत्र दिवस पर ईपीएस-95 पेंशनर्स करेंगे सामूहिक अनशन
नई दिल्ली, 21 जनवरी (आईएएनएस)| गणतंत्र दिवस पर देश भर के ईपीएस-95 के पेंशनधारक सामूहिक भूख हड़ताल करेंगे। 26 जनवरी को यह आंदोलन और सामूहिक अनशन देश भर के सभी जिलों में होगा। आज भी करीब 17 लाख पेंशन धारकों को 1000 रुपये से भी कम पेंशन मिल रही है।
ऑल इंडिया ईपीएस-95 पेंशनर्स संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत ने बताया कि श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार के दिल्ली और बरेली स्थित आवास के सामने भी आंदोलन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पिछले साल 4 से 7 दिसंबर तक आंदोलन के दौरान श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने हमारी मांगों को पूरा करने का ठोस आश्वासन दिया था, जिससे 7 दिसंबर को पेंशन धारकों ने सामूहिक आत्मदाह का कार्यक्रम स्थगित कर दिया था। उन्होंने कहा कि पेंशनर्स को इतनी महंगाई के जमाने में मात्र 200 रुपये से लेकर 2500 तक की पेंशन मिल रही है। इतने कम पैसे में कोई महीने भर अपना गुजारा कैसे कर सकता है?
राउत ने बताया कि लाखों पेंशन धारकों ने राष्ट्रपति को इच्छा मृत्यु की अनुमति देने के लिए भी पत्र भेजा है। बुजुर्ग पेंशन धारकों का कहना है कि ईपीएफ पेंशन के लिए संघर्ष कर रहे लोग 60 से 80 वर्ष की उम्र के हैं। अब जीवन की सांझ में वे मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
राउत ने बताया कि श्रम मंत्री के आश्वासन की पूर्ति न होने पर पिछले साल 24 दिसंबर से महाराष्ट्र के बुलढाणा में पेंशन धारक अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल कर रहे हैं, जो 23 जनवरी से आमरण अनशन में बदल जाएगा। इस तरह के आंदोलन देश भर के अन्य जिलों में आयोजित कर बुजर्ग पेंशन धारक अपनी आवाज को सरकार तक पहुंचाएंगे।
राउत ने बताया कि आज करीब 60 लाख पेंशनर्स में से 40 लाख लोगों को 1500 रुपये महीने से भी कम पेंशन मिल रही है।
उन्होंने बताया कि ईपीएस-95 के हर पेंशन धारक ने अपने पूरे सर्विस पीरियड में हर महीने पेंशन फंड में अंशदान दिया है। यह राशि कम से कम 15 से 20 लाख रुपये हो गई है। इस योजना से पूंजी की वापसी भी बंद हो गई है। पेंशनधारक 2013 की कोशियारी समिति की सिफारिशों के अनुसार 7500 रुपये मासिक पेंशन, उस पर 5000 रुपये महंगाई भत्ते और सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार वास्तविक वेतन पर उच्चतम पेंशन की मांग कर रहे हैं।
राउत ने बताया कि पेंशन धारकों की यह भी मांग है कि जिन पेंशनर्स को ईपीएस-95 योजना में शामिल नहीं किया गया है, उन्हें पेंशन योजना में भागीदार बनाया जाए। ईपीएस-95 के सदस्यों और उनकी पत्नी को मुफ्त मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध हो, 20 साल तक काम करने वाले पेंशनर्स को नियमानुसार दो साल का वेटेज दिया जाए और ईपीएस की सदस्यता में बढ़ोतरी की जाए और उन्हें मिलने वाली न्यूनतम पेंशन 1,000 रुपये से बढ़ाकर 7500 रुपये की जाए और पेंशन को महंगाई भत्ते से जोड़ा जाए।
राउत ने बताया कि केंद्र के पास पेंशनर्स से जमा किए गए फंड के तहत 4 लाख करोड़ से अधिक रुपये जमा हैं, जिस पर सरकार ब्याज कमा रही है, लेकिन पेंशन धारकों को उनका हक नहीं मिल रहा है।